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24 घंटे और 20 दिन पहले तक मिलेगा टोकन
CG Dhan Kharidi: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 (Kharif Marketing Year 2025-26) के तहत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी लगातार तेज गति से जारी है। राज्य सरकार की ओर से पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य पूरी पारदर्शिता और सुगमता के साथ किया जा रहा है, जिससे किसानों को सीधे आर्थिक लाभ मिल रहा है।
अब तक 87 लाख टन धान खरीदा गया
कृषि विभाग के अनुसार, अब तक 17.24 लाख टोकन के माध्यम से 87 लाख टन धान की खरीदी की जा चुकी है। 11 दिसंबर 2025 तक किसानों को समर्थन मूल्य के तहत 7 हजार 771 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में भुगतान की जा चुकी है। समय पर भुगतान से किसानों में संतोष और भरोसा दोनों देखने को मिल रहा है।
2,739 खरीदी केंद्रों से हो रही सुचारु व्यवस्था
प्रदेश भर में 2,739 धान खरीदी केंद्रों के जरिए किसानों से धान खरीदा जा रहा है। धान खरीदी की अवधि 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक निर्धारित की गई है। सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी किसान को परेशानी न हो और खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह व्यवस्थित रहे।
किसान पंजीयन में बढ़ोतरी, रकबे में भी इजाफा
राज्य में धान खरीदी के लिए एकीकृत किसान पोर्टल और एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से पंजीयन किया जा रहा है। चालू वर्ष में 27.40 लाख किसानों द्वारा 34.39 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन हुआ है। पिछले वर्ष की तुलना में किसानों की संख्या में लगभग 7.5 प्रतिशत और रकबे में करीब 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो कृषि क्षेत्र में बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।
कुछ श्रेणी के किसानों को एग्रीस्टेक से छूट
सरकार ने संस्थागत पंजीयन, भूमिहीन किसान (अधिया/रेगहा), डूबान क्षेत्र के किसान, वन अधिकार पट्टाधारी किसान और ग्राम कोटवार श्रेणी के किसानों को एग्रीस्टेक पंजीयन से छूट दी है। किसान पंजीयन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है, ताकि कोई भी पात्र किसान लाभ से वंचित न रहे।
‘तुहर टोकन’ ऐप से 24 घंटे टोकन की सुविधा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने “तुहर टोकन” ऐप के माध्यम से 24 घंटे टोकन प्राप्त करने की सुविधा शुरू की है। किसान आगामी 20 दिनों के लिए टोकन ले सकते हैं, जिससे लाइन और भीड़ की समस्या काफी हद तक खत्म हुई है।
अवैध धान पर सख्ती, 1.93 लाख टन जब्त
सरकार ने अवैध धान परिवहन और भंडारण पर भी कड़ी निगरानी रखी है। जिलों में राजस्व, खाद्य, सहकारिता, वन और मंडी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित की गई है। राज्य स्तर पर मार्कफेड के अंतर्गत स्टेट इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है। अब तक 2,000 से अधिक प्रकरण दर्ज करते हुए 1.93 लाख टन अवैध धान जब्त किया गया है।
धान खरीदी और भुगतान की यह रफ्तार साफ तौर पर दिखाती है कि राज्य सरकार किसान हितों को प्राथमिकता देते हुए पारदर्शी और सख्त व्यवस्था के साथ आगे बढ़ रही है।
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