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CG College News: छत्तीसगढ़ के कॉलेज-यूनिवर्सिटी में अब आवारा कुत्तों पर रहेगी प्रोफेसरों की नजर, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी की सख्त गाइडलाइन

छत्तीसगढ़ में कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में आवारा कुत्तों की निगरानी अब प्रोफेसर करेंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय व निजी संस्थानों के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिसमें सुरक्षा, निगरानी, जागरूकता और प्रशासनिक समन्वय को अनिवार्य किया गया है।

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Shashank Kumar
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CG College News Photograph: (CG College News)

CG College News: छत्तीसगढ़ में स्कूल परिसरों के बाद अब उच्च शिक्षा संस्थानों में भी आवारा कुत्तों को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय और अशासकीय कॉलेजों के साथ-साथ राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसका उद्देश्य कैंपस में छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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प्रोफेसर होंगे नोडल अधिकारी 

जारी आदेश के मुताबिक, प्रत्येक कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य की गई है। यह जिम्मेदारी किसी प्राध्यापक या सहायक प्राध्यापक को सौंपी जाएगी। नोडल अधिकारी स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या नगर परिषद से निरंतर संपर्क में रहेंगे और परिसर में आवारा कुत्तों या अन्य पशुओं की मौजूदगी की सूचना तत्काल देंगे।

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प्रदेश स्तर पर तय हुई रिपोर्टिंग व्यवस्था

उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश स्तर पर डॉ. टी. जलजा नायर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी इन्हीं को रिपोर्ट करेंगे। विभाग का कहना है कि इससे पूरे प्रदेश में निगरानी और कार्रवाई की एक समान व्यवस्था लागू हो सकेगी।

संचालनालय को भेजनी होगी फोटो

हर संस्थान को नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और संबंधित हेल्पलाइन की जानकारी परिसर में डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही डिस्प्ले बोर्ड की फोटो वॉट्सऐप के माध्यम से उच्च शिक्षा संचालनालय को भेजना अनिवार्य किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आदेश का सही तरीके से पालन किया जा रहा है।

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खुले में खाद्य सामग्री पर भी रहेगी कड़ी नजर

गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी परिसर में किसी भी तरह की खाद्य सामग्री खुले में न पड़ी हो, जिससे आवारा पशु आकर्षित होते हैं। प्रोफेसर और सहायक प्राध्यापक इसकी नियमित निगरानी करेंगे और परिसर को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

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फर्स्ट एड, जागरूकता और वर्कशॉप भी अनिवार्य

हर उच्च शिक्षा संस्थान में फर्स्ट एड बॉक्स की उपलब्धता अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही छात्रों और कर्मचारियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवारा कुत्तों से बचाव और आपात स्थिति में सही प्रतिक्रिया दी जा सके। पशु चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी जोर दिया गया है।

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बाउंड्रीवॉल और हेल्पलाइन पर भी फोकस

उच्च शिक्षा विभाग ने परिसरों की भौतिक सुरक्षा को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। जहां संभव हो, वहां चारदीवारी को सुदृढ़ करने को कहा गया है, ताकि आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जा सके। किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए राज्य की हेल्पलाइन 1100 के प्रचार-प्रसार को भी अनिवार्य किया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत कार्रवाई

नवा रायपुर स्थित उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रहे Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 के निर्देशों के पालन में की जा रही है। इन्हीं आदेशों के आधार पर उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए 13 बिंदुओं में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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यह फैसला कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को सुरक्षित शैक्षणिक माहौल मिल सके।

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