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Ambikapur News
Ambikapur News: अंबिकापुर में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सीतापुर थाने में दर्ज अपराध और गिरफ्तारी के एक दिन बाद आकांक्षा टोप्पो ने सोशल मीडिया पर करीब 12 मिनट का भावुक और तीखा वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया है कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है या उनकी मौत होती है, तो इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो जिम्मेदार होंगे।
आकांक्षा ने वीडियो में कहा कि उन्हें अंदर से डर लग रहा है और उनके साथ किसी भी तरह की घटना हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी हत्या सड़क हादसे या किसी अन्य तरीके से भी कराई जा सकती है। इस बयान के बाद पूरे सरगुजा संभाग में मामला चर्चा का विषय बन गया है।
"अगर मेरी मौत हुई तो मंत्री और विधायक होंगे जिम्मेदार...”: इंफ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो#AakanshaToppo#SocialMediaControversy#viralvideo#TrendingNews#ToppoCasepic.twitter.com/cwjAy18eNB
— Bansal News Digital (@BansalNews_) December 28, 2025
“मेरी जुबान गंदी बातों पर नहीं रुकेगी”
वीडियो में आकांक्षा टोप्पो ने साफ कहा कि वह दबाव में चुप रहने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह गंदे सिस्टम और गलत बातों के खिलाफ बोलती रहेंगी, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह फिर से मैदान में उतरेंगी और अपनी बात सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाती रहेंगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 23 दिसंबर को आकांक्षा टोप्पो (Akanksha Toppo) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सीतापुर क्षेत्र के बटईकेला में शासकीय जमीन से कब्जा हटाकर आंगनबाड़ी भवन निर्माण को लेकर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और विधायक रामकुमार टोप्पो पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है। भाजपा नेताओं की शिकायत के बाद सीतापुर थाना पुलिस ने उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि बाद में उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
शिकायतकर्ताओं का पक्ष
शिकायत में कहा गया है कि आकांक्षा टोप्पो ने जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया है। पुलिस के अनुसार, इससे पहले भी उनके खिलाफ इसी तरह की भाषा को लेकर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं और मामला कानून के दायरे में है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरगुजा में राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्मा गया है। एक तरफ आकांक्षा टोप्पो खुद को अभिव्यक्ति की आज़ादी की आवाज बता रही हैं, तो दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों के समर्थक इसे मर्यादा और कानून का सवाल बता रहे हैं।
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