नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के अवसर पर कुछ राज्यों को लाइट हाउस प्रोजेक्ट (Light House Project) का तोहफा दिया था। इस प्रोजेक्ट को पहले फेज में झारखंड, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में बनाया जाएगा। इसके बाद इसे देश के अन्य राज्य में भी तैयार किया जाएगा। आज हम इसी योजना के बारे में आपको बताएंगे कि आखिर ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट क्या है ? और इसे क्यों बनाया जा रहा है।
शहरी गरीबों के लिए बनाया जाएगा आवास
दरअसल, लाइट हाउस प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के महत्वकांक्षी योजना याजनाओं में से एक है। इसे केंद्रीय शहरी मंत्रालय के तरफ से बनाया जाएगा। इसके तहत शहरी गरीब लोगों को रहने के लिए आवास मुहैया कराया जाएगा। बतादें कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हर नागरिक के लिए पक्के मकान का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पीएम ने एक नारा भी दिया था ‘हाउसिंग फॉर ऑल’, ये प्रोजेक्ट इसी का हिस्सा है।
कैसा होगा लाइट हाउस?
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के माध्यम से बनने वाले मकानों को खास तकनीक की सहायता से बनाया जाएगा। मकान को बनाने के लिए पहले फैक्टरी लगाए जाएंगे, जहां मकान का बीम-कॉलम और पैनल को तैयार किया जाएगा। इसके बाद उसे जहां लाइट हाउस बनना है वहां लाया जाएगा और असेंबल किया जाएगा। इस प्रक्रिया से मकान निर्माण करने में समय और लागत दोनों की बचत होगी। साथ ही यह काफी मजबुत भी होगा।
भारत में पहली बार हो रहा है इस तकनीक का इस्तेमाल
लाइट हाउस तकनीक का इस्तेमाल भारत में पहली बार किया जा रहा है। इस तकनीक के इस्तेमाल से जो मकान बनाए जाएंगे वो प्लस आठ आकार के होंगे। सबसे पहले इसके टावर को खड़ा किया जाएगा। उसके बाद इसे फिनिसिंग लुक दिया जाएगा। लाइट हाउस टावर अन्य मकानों की तुलना में काफी हल्का होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे असेंबल किया जाता है। वहीं जो अन्य टावर बनाए जाते हैं उसमें पानी की खपत काफी ज्यादा होती है क्योंकि उन्हें पूरी तरीके से साइट पर ही बनाया जाता है। भारत में बनने वाले लाइट हाउस टावर को जापानी टेक्नोलॉजी के मदद से बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को एक साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
14 मंजिला होगा लाइट हाउस
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत एक टावर को 14 मंजिला बनाया जाएगा। इसमें 415 वर्ग फुट के 1,040 फ्लैट होंगे। एक फ्लैट की किमत 12.59 लाख रूपये है, जिसमें से केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से 7.83 लाख रूपये लाभार्थी को अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। बाकी 4.76 लाख रूपये उन्हें खुद जमा करना होगा। वहीं इन मकानों का आवंटन प्राधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत किया जाएगा।