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Winter Special Pickle: सर्दियों में ऐसे बनाएं 'आदिवासी स्टाइल' आंवला का अचार, सिर्फ नमक–विनेगर से आएगा लाजवाब स्वाद

Winter Special Pickle: Winter Special Pickle: आपने नींबू, आम, मिर्च और कई तरह के अचार तो जरूर खाए होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा अचार बताने वाले हैं जिसमें न तेल होगा, न मसाला, फिर भी स्वाद ऐसा होगा कि बार-बार खाने का मन करेगा।

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anjali pandey
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Winter Special Pickle: आपने नींबू, आम, मिर्च और कई तरह के अचार तो जरूर खाए होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा अचार बताने वाले हैं जिसमें न तेल होगा, न मसाला, फिर भी स्वाद ऐसा होगा कि बार-बार खाने का मन करेगा। सर्दियों के मौसम में आंवला खाने के वैसे कई फायदे होते हैं।  झारखंड के आदिवासी परिवार सर्दियों में आंवले का यह खास अचार बिल्कुल देसी तरीके से बनाते हैं। 

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इस अचार की सबसे अनोखी बात यह है कि इसमें केवल नमक और विनेगर का इस्तेमाल होता है। न कोई तेल, न लाल-मिर्च, न बाजार का मसाला होगा। यही वजह है कि यह अचार स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बेहद सेहतमंद भी माना जाता है।

सर्दियों की खास तैयारी

गांवों में ठंड शुरू होते ही पारंपरिक व्यंजन और अचार बनाने की रौनक अलग ही होती है। इनमें सबसे लोकप्रिय है ताजा आंवले से बना देसी अचार। हजारीबाग की आदिवासी महिलाएं आज भी इसे वही पुरानी विधि से बनाती हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। आदिवासी महिला रवीना कच्छप बताती हैं कि यह अचार पूरी तरह प्राकृतिक होता है। इसमें न तेल, न भारी मसाले और न ही कोई प्रिज़र्वेटिव होती है। इसलिए यह शरीर पर बोझ नहीं डालता, बल्कि पाचन भी बेहतर करता है।

कैसे बनता है यह लाजवाब अचार?

boiled amla

इस अचार को बनाने के लिए सबसे पहले ताजे, बड़े और हल्के पीले आंवले  चुनें, फिर उन्हें अच्छी तरह धोकर थोड़ी देर धूप में सुखाएं। ताकि उसमें से नमी खत्म हो जाए। फिर आंवलों को नमक मिले पानी में हल्का-सा उबालते हैं, जिससे वे नरम हो जाएं और फांक निकालना आसान हो जाए। उबालने से नमक भी अंदर तक चला जाता है। ठंडा होने पर आंवले को दबाकर फांकों में अलग किया जाता है।

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इन फांकों में केवल थोड़ा सा नमक और विनेगर ही मिलाएं। नमक और विनेगर दोनों ही प्राकृतिक तरीके से अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं। न ज्यादा नमकीन, न ज्यादा खट्टा बस बिल्कुल संतुलित स्वाद। इसके बाद अचार को कांच के जार में भरकर 7–10 दिन धूप में  रखें।  रोज जार को हल्का-सा हिलाएं, ताकि मसाला (जो केवल नमक और विनेगर है) हर फांक पर बराबर लगे। धूप से आंवले का स्वाद और भी निखर आता है।

एक साल तक चलता है अचार 

तेल-मसाले न होने के कारण यह अचार हल्का और पाचक होता है। आंवला विटामिन C से भरपूर होता है, इसलिए यह इम्युनिटी बढ़ाता है। यह अचार ठंड में शरीर को बीमारियों से बचाता है।  त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है, शरीर में सूजन कम करता है, गांवों में लोग इसे रोज खाने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर पूरे सर्दियों भर तंदुरुस्त रहे।

पारंपरिक स्वाद

झारखंड के आदिवासी परिवार आज भी इस देसी तरीके से अचार बनाते हैं, क्योंकि इसमें स्वाद भी है, सेहत भी, और सबसे बड़ी बात यह पूरी तरह प्राकृतिक है। बिना तेल-मसाले का यह आंवले का अचार सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि एक पारंपरिक विरासत है, जो सर्दियों में शरीर को मजबूत रखने का प्राकृतिक उपाय भी माना जाता है।

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Winter Special Pickle Amla Ka Achar
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