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UP Codeine Syrup Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोडीनयुक्त कफ सिरप और अन्य एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं की अवैध बिक्री, भंडारण और वितरण पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की आयुक्त रोशन जैकब (IAS) ने सभी जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए इन औषधियों की कड़ी जांच और अनुश्रवण अनिवार्य कर दिया है। UP drug firms license cancel
यह कार्रवाई प्रदेश में बढ़ रही कोडीन आधारित सिरप की अवैध तस्करी और युवाओं में बढ़ते नशे के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
संगठित अवैध बिक्री पर होगी गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई | UP Codeine Syrup Crackdown
FSDA आयुक्त के अनुसार प्रदेश के कई औषधि प्रतिष्ठानों में कोडीनयुक्त कफ सिरप, NDPS Drugs, और Narcotics Medicines के अवैध भंडारण और क्रय-विक्रय की शिकायतें मिली हैं। कई औषधि दुकानें भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं पाई गईं, कई सिर्फ “बिलिंग-पॉइंट” के रूप में चल रही थीं, और कई स्थानों पर विक्रय विवरण रजिस्टर तक उपलब्ध नहीं था। Varanasi drug firms
एफएसडीए द्वारा की गई छापेमारी में यह भी सामने आया कि कुछ फर्में इन दवाओं का गैर-चिकित्सकीय उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर अवैध डाईवर्जन कर रही थीं। Sultanpur drug firms
ऐसे मामलों में अब सीधे BNS Act 2023, NDPS Act 1985 के तहत FIR दर्ज की जा रही है और जरूरत पड़ने पर Gangster Act Action in UP भी लागू किया जाएगा।
कोडीनयुक्त दवाओं की बिक्री के नियम | Codeine Syrup Rules in UP
इन दवाओं को Schedule H2 Drugs के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
केवल प्रिस्क्रिप्शन (चिकित्सक के पर्चे) पर बिक्री की अनुमति।
प्रत्येक बिक्री का रिकॉर्ड विक्रय विवरण रजिस्टर में रखना अनिवार्य।
बिना रिकॉर्ड और बिना लाइसेंस क्रय-विक्रय को गंभीर अपराध माना जाएगा।
आयुक्त रोशन जैकब ने कहा कि कोडीनयुक्त दवाओं का दुरुपयोग युवाओं में नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है, जो समाज और स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर जोखिम है।
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FSDA की कार्रवाई और निरीक्षण रिपोर्ट | UP FSDA Raid Update
पिछले दिनों किए गए बड़े निरीक्षणों से पता चला कि:
कई औषधि प्रतिष्ठान अस्तित्व में नहीं
कई जगह सिर्फ टेबल-कुर्सी रखकर फर्जी लाइसेंस चलाए जा रहे
कहीं भी दवाओं का उचित स्टॉक नहीं
कई प्रतिष्ठानों में अनुपलब्ध खरीद-बिक्री अभिलेख
अवैध भंडारण और अवैध वितरण के स्पष्ट प्रमाण
इन सब मामलों में तत्काल लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
जिलाधिकारियों को आयुक्त का पत्र: प्रमुख निर्देश
मुख्य निर्देश इस प्रकार हैं:
ऐसे प्रतिष्ठानों का लाइसेंस तुरंत निरस्त हो
जो भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं
जहां दवाओं का कोई स्टॉक नहीं
जहां वैध क्रय-विक्रय अभिलेख उपलब्ध नहीं
अधूरे अभिलेख पर कार्रवाई
निर्धारित समय सीमा में पूरा रिकॉर्ड न देने पर Rule 66, Drugs Rules 1945 के तहत कार्रवाई होगी।
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थोक विक्रेताओं का गहन निरीक्षण
स्टॉक
लाइसेंस शर्तें
क्रय-विक्रय रिकॉर्ड
सभी की जांच अनिवार्य।
आवासीय भवनों में लाइसेंस मंजूर नहीं होगा
अगर भवन पूरी तरह आवासीय उपयोग में है तो लाइसेंस नहीं मिलेगा।
जियोटैग्ड फोटो अनिवार्य
नए लाइसेंस निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान की जियोटैग्ड फोटो अपलोड करना होगा।
पुनरावृत्त अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट
यदि जांच में बार-बार वही फर्में शामिल पाई गईं तो उन पर सीधे Gangster Act UP लागू किया जाएगा।
UP में Codeine Syrup पर बड़ी कार्रवाई जारी
FSDA ने स्पष्ट कर दिया है कि कोडीन और अन्य NDPS Drugs के अवैध व्यापार पर शून्य सहनशीलता नीति (Zero Tolerance Policy) अपनाई जाएगी। राज्यभर में लगातार अभियान चल रहे हैं और दवा माफियाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है। Prayagraj drug firms
UP Sir Deadline 4 November 2025: वोटर लिस्ट में नाम पक्का करने का अंतिम मौक़ा, 4 दिसंबर से पहले कर लें ये काम पूरा
उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) प्रोसेस को पूरा करने के लिए 4 दिसंबर की डेडलाइन में बस कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए कई वोटर्स ऐसे भी हैं जिनका अभी भी पक्का नहीं हैं कि उन्हें क्या करना है पर घबराने की बात नहीं है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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