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National Broadcasting Day: दूरसंचार ही भारत में एक बड़ी क्रांति लाया है, जानिए राष्ट्रीय दूरसंचार दिवस का इतिहास

National Broadcasting Day 2023: आज देश और विदेशों में संचार, मोबाइल, सोशल मीडिया समेत हजारों निजी चैनलों की भरमार है। ‌

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Radio Station: वडोदरा सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए लॉन्च किया रेडियो स्टेशन

National Broadcasting Day 2023: आज देश और विदेशों में संचार, मोबाइल, सोशल मीडिया समेत हजारों निजी चैनलों की भरमार है। ‌लेकिन एक समय ऐसा भी था जब देश में कोई भी जानकारी पाने के लिए लंबे समय तक

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इंतजार करना पड़ता था। देशवासियों को सूचना पाने के लिए इसके साथ देशवासियों को त्वरित सूचना भी नहीं मिल पाती थी।

लेकिन भारत के लिए 1927 संचार क्रांति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साल माना जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत में आकाशवाणी की स्थापना 1927 में 23 जुलाई के दिन की गई थी और उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा

(इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया था।

देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई। 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। देशवासियों ने पहली बार रेडियो पर

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प्रसारण सुना था। ‌आकाशवाणी की लोकप्रियता के पीछे कारण इसका विभिन्न भाषाओं में प्रसारण होना है।

क्योंकि भारत देश में विभिन्न भाषाओं और स्थानीय भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं। जो सिर्फ स्थानीय भाषा को नहीं समझते और बात करने के लिए उपयोग करते हैं। इन लोगों तक सरकारी निर्देश और आदेश तथा जरूरी जानकारी

पहुंचाने के लिए भारत सरकार को एक ऐसे माध्यम की जरूरत थी। जो उनकी ही भाषा में बात कर सके इसी बात को समझते हुए भारत सरकार ने आकाशवाणी की शुरुआत की थी। हर साल इसी दिन नेशनल ब्रॉडकास्टिंग डे मनाया

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जाता है।

उस समय मनोरंजन का सिर्फ एक ही साधन था जिसे रेडियो कहा जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने के पीछे रेडियो का महत्व याद दिलाना और समझाना भी एक बड़ी वजह है। यह वह दिन था जब भारत को अपनी पहली रेडियो

ब्रॉडकास्टिंग कंपनी मिली थी। उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा (इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया था। देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई।

1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ।

आजादी के समय भारत में कुल 9 रेडियो स्टेशन थे, लेकिन पाकिस्तान अलग हुआ तो 3 रेडियो स्टेशन पाकिस्तान में चले गए। भारत के पास दिल्ली, बॉम्बे, कलकत्ता, मद्रास, तिरुचिरापल्ली और लखनऊ के स्टेशन बचे। ऑल इंडिया रेडियो

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की पहुंच तब केवल 11% आबादी तक ही थी। 1956 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी नाम दिया गया। अगले ही साल विविध भारती की शुरुआत हुई। प्रसार भारती ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं।

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