रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही पिछली सरकार की योजनाओं को बंद किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना राजीव युवा मितान क्लब पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार के आदेश से साफ है कि योजना के नाम पर खर्च की गई राशि की उपयोगिता की जांच की जाएगी।
योजना में फर्जीवाडे की मिल रही थी शिकायतें
लगातार सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम पर बिना आयोजन के भी फर्जी रिपोर्ट पेश कर पैसे निकालने की शिकायतें मिलती रही हैं। अब कलेक्टरों के जरिए क्लबों के संचालकों की रिपोर्ट मंगाई जाएगी।
बघेल सरकार ने शुरु की थी योजना
बघेल सरकार ने 12 जनवरी 2020 को क्लब बनाने की योजना का एलान हुआ था। 18 सितंबर 2021 को शुरू योजना हुई थी। पिछले 2 साल में 13,269 क्लब बनाए गए हैं।
क्लब को मिलता था सरकारी अनुदान
हर क्लब में 20 से 40 युवा गांव के थे। प्रदेश में था 13,261 राजीव युवा मितान क्लब बनाने का लक्ष्य था। हर 3 महीने में क्लब को 25 हजार का अनुदान मिलता था। एक साल में क्लब को 1 लाख रुपए मिलते थे।
योजना में सीएम होते थे पदेन अध्यक्ष
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2022 में राजीव युवा मितान क्लब को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। मुख्यमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष थे। प्रदेश के साथ जिला स्तर पर भी अलग-अलग समिति गठित की गईं। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि क्लबों को आवंटित राशि की उपयोगिता की जांच होनी चाहिए। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने राज्य सरकार के निर्णय को दुर्भावनापूर्ण बताया।
साय कैबिनेट ने की योजना की समीक्षा
राजीव युवा मितान क्लब पर प्रतिबंध के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई थी कि भूपेश सरकार की उन योजनाओं का क्या होगा। जिस पर भाजपा लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाती आई है। साय कैबिनेट की पहली बैठक में ही कांग्रेस सरकार की अनुपयोगी योजनाओं की समीक्षा की गई थी।
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