Advertisment

Raksha Bandhan Date 2022 : इस साल कब है रक्षाबंधन, क्यों मनाते हैं, जानें मुहूर्त, महत्व और विधि

Raksha Bandhan Date 2022 : इस साल कब है रक्षाबंधन, क्यों मनाते हैं, जानें मुहूर्त, महत्व और विधिRaksha Bandhan Date 2022 : when-is-rakshabandhan-this-year-why-celebrate-know-muhurta-importance-and-method-pds

author-image
Bansal News
Raksha Bandhan Date 2022 : इस साल कब है रक्षाबंधन, क्यों मनाते हैं, जानें मुहूर्त, महत्व और विधि

नई दिल्ली। रक्षाबंधन यानि भाई-बहनों Raksha Bandhan 2022: का लिए खास त्योहार। बहनों द्वारा भाइयों पर Raksha Bandhan Date 2022 बांधा जाने वाला रक्षासूत्र उसके जीवन की रक्षा के संकल्प के साथ भाई से वादा लेता है। कि भाई अपनी बहनों के जीवन की रक्षा करेंगे। हिंदू धर्म में भाई-बहन के अटूट बंधन और प्रेम को समर्पित रक्षाबंधन का त्योहार सावन के महीने में पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सलामती की कामना करती हैं।

Advertisment

रक्षाबंधन हर साल सावन महीने Raksha Bandhan 2022 :  की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार की शुरुआत के पीछे भी कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। लेकिन इस त्योहार की शुरुआत कैसे हुई, साथ ही इस साल रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त क्या है। चलिए हम आपको बताते हैं।

रक्षाबंधन की शुरुआत को लेकर कहानियां —

लक्ष्मी माता और राजा बलि की कहानी
एक प्रचलित कहानी के अनुसार एक बार जब विष्णु भगवान ने वामन अवतार लिया था। जब एक राजा से तीन पग में ही सारा राज्य उन्होंने मांग लिया था। इतना हीन उन्होंने राजा बलि को पाताल में रहने को कहा। ऐसा कहने पर राजा बलि ने स्वयं विष्णु जी को पाताल लोक में अतिथि के रूप में उनके साथ चलने का आग्रह किया था। तब श्रीहरि उन्हें मना नहीं कर पाए और उनके साथ पाताल लोक चले गए। लेकिन काफी समय गुजरने के बाद भी जब भगवान विष्णु नहीं लौटे तो लक्ष्मी माता चिंतित होने लगीं। इसके समाधान के लिए नारद जी ने मां लक्ष्मी को राजा बलि को अपना भाई बनाकर और फिर उनसे तोहफा स्वरूप श्रीहरि को मांगने के लिए कहा। माता लक्ष्मी ने ऐसा ही किया। उन्होंने राजा बलि के साथ अपना संबंध गहरा बनाने के लिए उनके हाथ में रक्षासूत्र बांधा।

House Renting Tips : मकान किराए पर देने वाले पढ़ लें ये खबर, वरना बढ़ सकती है परेशानी

Advertisment

इंद्र और देवी शचि की कहानी —
दूसरी पौराणिक मान्यता अनुसार जब इंद्रदेव वृत्तासुर से युद्ध के लिए जा रहे थे। उस समय अपने पति की कुशलता की इच्छा रखते हुए देवी शचि ने इंद्रदेव को रक्षासूत्र के रूप में कलावा बांधा था। तभी से ऐसी मान्यता है कि इस समय से ही रक्षाबंधन की शुरुात हुई है।

द्रौपदी और भगवान कृष्ण की कहानी
महाभारत के एक प्रसंग के अनुसार राजसूय यज्ञ के दौरान जब श्रीकृष्ण ने असुर शिशुपाल का वध किया था। उस समय उनके हाथ में भी चोट आई थी। ऐसे में श्रीकृष्ण की चोट को देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी सारी का एक टुकड़ा चीरकर भगवान कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। तब कृष्ण जी ने द्रौपदी की सदैव रक्षा करने का वादा किया। यही कारण बताते हैं कि जब दुस्शासन द्रौपदी का चीर हरण कर रहा था तो श्री कृष्ण ने द्रौपदी की साड़ी को अनंत करके उनकी रक्षा की थी।

School Reopen Big Breaking : छात्रों को बड़ी राहत, स्कूल खुलने से पहले शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश

Advertisment

रक्षाबंधन 2022 में इस दिन है रक्षाबंधन —
आपको बता दें हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल यानि 2022 में रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त गुरुवार को आ रहा है।

पूर्णिमा तिथि —
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 अगस्त, गुरुवार की सुबह 10:38 मिनट

समाप्ति तिथि 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 07:05 मिनट पर

शुभ मुहूर्त:
सुबह 8:51 बजे से रात 9:19 बजे तक

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं, Bansal News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)

Advertisment

Gold Testing Tips : सोना असली है या नकली? घर बैठे मिनटों में ऐसे करें पहचान, ये हैं टेस्ट के तरीके

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें