PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के निवास पर गणेश पूजन में शामिल होने पर विपक्षी नेता सवाल उठा रहे थे। पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने 74वें जन्मदिन पर भुवनेश्वर में इसका विरोधियों को करारा जवाब दिया।
यहां बता दें पीएम मोदी 11 सितंबर को जस्टिस चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजन में पहुंचे थे।
‘गणेश पूजन से कांग्रेस को परेशानी हो रही’
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा- ‘गणेश पूजन में गया तो कांग्रेस के इकोसिस्टम के लोग आग बबूला हो उठे। विपक्ष की अप्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों से तुलना करते हुए मोदी ने कहा, बांटों और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों को गणेश उत्सव खटकता था। आज समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है।’
मोदी ने जन्मदिन मां को भी याद किया
पीएम मोदी (PM Modi) ने आज अपने जन्मदिन पर अपनी मां को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘आज आदिवासी परिवार के ‘पीएम आवास’ पर पहुंचा था। हर साल जन्मदिन पर मां से आशीर्वाद लेने जाता था, वो मुझे गुड़ खिलाती थीं। आज मां नहीं हैं, लेकिन इस बार एक आदिवासी मां ने मुझे खीर खिलाई।’
800 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन- शिलान्यास
कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi)सुबह 11 बजे भुवनेश्वर पहुंचे। यहां गवर्नर रघुवर दास और सीएम मोहन चरण मांझी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में सुभद्रा योजना शुरू की। साथ ही 800 करोड़ रुपए के विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
जानें क्यों उठे थे सवाल
11 सितंबर को पीएम मोदी (PM Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर गणेश पूजा में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ अपनी फोटो पोस्ट कर लिखा, ‘मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल हुआ। भगवान गणेश हम सबको सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें।’
इसके बाद से ही विवाद भी शुरू हो गया था। भारत के संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अलग-अलग होने और उनकी स्वतंत्रता को लेकर भी कई लोग अपनी राय व्यक्त कर रहे थे।
किसी ने गलत तो किसी ने सही बताया
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने कहा था चीफ जस्टिस का पीएम (PM Modi) को निमंत्रण देना और पीएम का उसे स्वीकारना, दोनों ही गलत हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील पिंकी आनंद प्रधानमंत्री के CJI के घर जाने को अच्छी मिसाल बताया था। उन्होंने लिखा था- ‘ऐसा नहीं है कि जो पहले नहीं हुआ, वह कभी नहीं हो सकता। पीएम का सीजेआई के आवास पर जाना एक अच्छी मिसाल है।’
इंदिरा जयसिंह ने यह लिखा
देश की एक प्रसिद्ध वकील इंदिरा जयसिंह ने अपनी ‘X’ पर पर लिखा, ‘भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच जो शक्तियों का बंटवारा है, उस सिद्धांत से समझौता किया है। मुख्य न्यायाधीश की स्वतंत्रता पर से अब विश्वास उठ गया है।’
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