Places to Visit in Bhopal: भारत के मध्य में बसा राज्य मध्यप्रदेश एक ऐतिहासिक शहर है। जिसकी राजधानी भोपाल है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। यहां पर कई ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है, जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं।
अगर आप City Of Lake भोपाल की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं इस वीकेंड आप कहां घूम सकते हैं-
मानव संग्रहालय
दो सौ एकड़ जमीन में फैला हुआ है, मानव संग्रहालय भोपाल के आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है। इस म्यूजियम मानव जाति के बारे में सब कुछ बताया गया है।
मनुष्य के विकास और संस्कृति का पूरा सफर यहां पर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा प्राचीन काल में इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन, प्राचीन काल के घर, कलाकृतियां, प्राचीन समय की खाने की वस्तुएं और भी बहुत सारी चीजें अच्छे से प्रदर्शित की गई है।
भीमबेटका गुफाएं
तीन हजार से भी पुराना यह गुफा भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में मौजूद है। भीमबेटका गुफ़ाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।
भीमबेटका गुफ़ाओं में प्राकृतिक लाल और सफ़ेद रंगों से वन्यप्राणियों के शिकार दृश्यों के अलावा घोड़े, हाथी, बाघ आदि के चित्र उकेरे गए हैं।
भीमबेटका को भीम का निवास भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि भीमबेटका गुफ़ाओं का स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है और इसी से इसका नाम ‘भीमबैठका’ भी पड़ा गया।
यह भोपाल से लगभग 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गुफा को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। यहां पर पर्यटकको की एंट्री सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे तक होती है
भोपाल में सांची स्तूप
तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के महान सम्राट अशोक के द्वारा बनया गया साँची स्तूप पुरे देश भर में प्रख्यात है। अशोक ने बौद्ध धर्म के पहुंच को फैलाने के लिए इसकी स्थापना की थी।
इस स्तूप के विशाल गुंबद में एक केंद्रीय तिजोरी है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं।
सांची का स्तूप रोजाना सुबह 8:30 बजे से लेकर 5:30 बजे तक खुला रहता है
भोजपुर मंदिर भोपाल
दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भोजपुर में स्थापित है। इस शिवलिंग की लंबाई 18 फीट और व्यास 7.5 फीट है। शिवलिंग की उचाई ज्यादा होने के कारण पुजारी को सीढ़ी लगाकर पूजा करना पड़ता है।
भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर बसा यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में यहां के शासक राजा भोज ने करवाया था। हालांकि मंदिर का निर्माण अधूरा होने के कारण इस मंदिर को ज्यादा पहचान नहीं मिल पाई।
मंदिर के खंभों पर शिव, पार्वती, नारायण और सीता राम का चित्र उकेरा गया है। मकर सक्रांति और शिवरात्रि के समय यहां पर 3 दिन का विशेष मेला भी आयोजित होता है। जहां दूर-दूर से श्रद्धालु मेले में मनोरंजन लेने के लिए आते हैं।
बड़ा तालाब
भोपाल झीलों की नगरी के नाम से जानी जाती है। भोपाल बड़े तालाब के कारण काफी प्रख्यात है। इस तालाब के ऊपर एक सुंदर ब्रिज का निर्माण भी किया गया है, जहां से पर्यटक सुंदर तस्वीरें याद के रूप में एकत्रित कर सकते हैं।
माना जाता है कि इस झील का निर्माण राजा भोज ने करवाया था।
इस झील के आसपास कमला पार्क नाम का एक बहुत बड़ा गार्डन है, जो इसकी शोभा को और बढ़ा देता है। पर्यटक यहां बोटिंग के साथ-साथ क्रूज बोट, पर्सनल मोटर बोट, पैडल बोट के अलावा कई प्रकार के नांव की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
यह तालाब भोपाल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। यहां हर मौसम में पर्यटको की भीड़ देखने को मिलता है।
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