Paush Amavasya 2024: साल की पहली और पौष मास की अमावस्या आज यानि 11 जनवरी को है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पौष अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन के उपाय आपको पितरों की विशेष कृपा दिला सकते हैं। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी जीवन में आ रहे कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए आज ये खास उपाय करना न भूलें।
पौष स्नान
पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2024) पर आज गंगा नदी अन्य पवित्र जल के पानी से स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से आरोगय की प्राप्ति होती है। साथ ही आज के दिन पूर्वजों के निमित्त तर्पण करना न भूलें।
पौष अमावस्या पर करें ये 4 काम
इस समय करें श्राद्ध –
पितरों का श्राद्ध करने के लिए सुबह 11.30 से दोपहर 1 बजे तक के बीच का समय उत्तम माना जाता है. मान्यता है अमावस्या पर दोपहर के समय पितर अपने वंशज के बीच आकर उनसे जल-अन्न प्राप्ति की उम्मीद रखते हैं. ऐसे में इस समय किया गया श्राद्ध 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को तृप्त करता है. पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं.
पीपल के पेड़ की पूजा
पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा जरूर करना चाहिए। इस दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा, जल और तेल का दीये अर्पित करता है शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है। पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं। जिससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
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पौष अमावस्या पर पितृ दोष दूर करने के उपाय
कहते हैं पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2024) पर अगर पितृ दोष दूर करना चाहते हैं तो इसके लिए आज कुछ उपाय जरूर करना चाहिए। इस दिन दिया गया दान व्यक्ति को यश, सफलता और सौभाग्य के साथ शुभ फल दिलाता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पौष अमावस्या यानि आज अन्न, चावल, दूध, घी, कंबल, धन का विशेष दान जरूर करना चाहिए। कहते हैं पितृ दोष से जीवन संकटों से घिर रहता है लेकिन अमावस्या पर किया श्राद्ध कर्म इससे मुक्ति दिलाता है। इससे वंश में वृद्धि भी होती है।
पीपल की पूजा से पूरे होंगे काम
ज्योतिष में ऐसा माना गया है कि पूवर्जों की नाराजगी के कारण भी परिवार की तरक्की में बाधा आती है। साथ ही परिवार के सदस्यों के विवाह कार्य रुक जाते हैं। मांगलिक कार्यों में बाधाएं आने लगती हैं। इसलिए अगर आप भी इन दोषों और कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पौष अमावस्या पर यानि आज गुरुवार को पीपल के पेड़ में जल में दूध, चावल, काले तिल मिलाकर जरुर चढ़ाएं। साथ ही शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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