नई दिल्ली। भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह की सलाह पर पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) ने ‘तेज गेंदबाजों का पूल’ तैयार करने के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रायल का आयोजन किया। जिसमें 1000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया।
ट्रायल से 93 गेंदबाजों का चयन
इनमें से कई ऐसे गेंदबाज है जिन्होंने इस ट्रायल से पहले कभी ‘लेदर गेंद’ का इस्तेमाल नहीं किया था। पीसीए ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 10 से 21 जून तक हुए ट्रायल से 93 गेंदबाजों का चयन किया है। राज्यसभा सांसद हरभजन पीसीए को अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की सलाह देते रहे हैं। वह चाहते हैं कि राज्य इकाई बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से मिलने वाले कोष का उचित उपयोग करे।
पंजाब में मजबूत कद-काठी वाले खिलाड़ी
इन दिनों परिवार के साथ छुट्टियां बिता रहे हरभजन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ज्यादातर राज्यों ने पहले ऐसा किया है। हमने इसे आयु-समूह तक सीमित रखने के बजाय ओपन ट्रायल का आयोजन किया। मैं चाहता था कि पीसीए तेज गेंदबाजी में नयी प्रतिभाओं को खोजे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पंजाब में मजबूत कद-काठी वाले खिलाड़ी है और मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमारे पास उमरान मलिक या कुलदीप सेन की गति वाले तेज गेंदबाज नहीं है।
बेहतर गेंदबाज बनने में मदद की जाए
हमारी सोच यही है कि उन्हें बेहतर गेंदबाज बनने में मदद की जाए। हम पहले ही 16 से 24 आयु वर्ग के लगभग 90 खिलाड़ियों की पहचान कर चुके हैं।’’पिछले कुछ वर्षों में पंजाब राज्य की टीम में सिद्धार्थ कौल, संदीप शर्मा, बलतेज ढांडा जैसे मध्यम तेज गेंदबाज रहे हैं। उनकी गेंदबाजी की गति 125 किमी प्रति घंटे से लेकर 135 किमी प्रति घंटे तक है।
गगनदीप सिंह को किया नियुक्त
वीआरवी सिंह के जाने के बाद से पंजाब को ऐसे तेज गेंदबाज नहीं मिले जो लगातार 140 से 145 किमी प्रति घंटे की गति से गेंद डाल सके। सचिव दिलशेर खन्ना की अध्यक्षता में पीसीए ने छोटी और लंबी अवधि की योजनाओं के तहत प्रतिभाओं की तलाश करने के लिए पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता हरविंदर सिंह के साथ-साथ पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज मनप्रीत सिंह गोनी और गगनदीप सिंह को नियुक्त किया है।
प्रतिभा की तलाश में पूरे पंजाब की यात्रा करनी पड़ी
पीसीए ने स्थानीय समाचार पत्रों और केबल चैनलों पर विज्ञापन दिया जिसमें ट्रायल के लिए सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों को बुलाया जिन्होंने कभी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे पूर्व टेस्ट तेज गेंदबाज हरविंदर ने कहा, ‘‘प्रतिभा की तलाश में पूरे पंजाब की यात्रा करनी पड़ी। अमृतसर, जालंधर, बरनाला, मुक्तसर साहिब जैसे स्थानों का दौरा करना एक शानदार अनुभव रहा।’’
छह फीट आठ इंच कद का एक खिलाड़ी मिला
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें अमृतसर में छह फीट आठ इंच कद का एक खिलाड़ी मिला। हम उसे देख के दंग रह गए। वह दूरदराज के गांव से आया था। वह लगभग 19 वर्ष का है। ईमानदारी से कहूं तो हमें उसके एक्शन को सुधारना होगा लेकिन इस तरह की प्रतिभा मिलने से हम उत्साहित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम लाइन-लेंथ की जगह गेंदबाजों की कद काठी, एक्शन और गति पर ध्यान दे रहे थे। हम आश्चर्यचकित थे कि अब तक सिर्फ टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने वाले गांव के कुछ लड़कों की गति काफी अधिक है।’’
मोहाली में 15 दिनों के शिविर का आयोजन
हरविंदर से जब पूछा गया कि इन 93 गेंदबाजों में भी बोर्ड स्तर का क्रिकेट खेलने के लिए कितने गेंदबाज तैयार है, तो उन्होंने कहा, ‘‘ हम मोहाली में 15 दिनों के शिविर का आयोजन करेंगे। इन गेंदबाजों में से लगभग 50 का चयन करेंगे और उन्हें तीन समूहों में रखा जाए। मेरा अनुभव कहता है कि इन में कुछ गेंदबाज ऐसे है जो 15 से 20 मैच खेल कर बीसीसीआई की अंडर-19 राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयार हो जाएंगे।’’
क्रिकेटरों पर निवेश किया जाना चाहिए
हरभजन ने कहा कि पीसीए अगले एक साल के दौरान उनके आवास और अन्य सभी खर्चों को वहन करने के साथ उन्हें बेहतर गेंदबाज बनाने में मदद करेगा। इस पूर्व स्पिनर ने कहा, ‘‘बीसीसीआई राज्य इकाइयों को पर्याप्त पैसा देता है और मेरा विचार है कि इसे क्रिकेटरों पर निवेश किया जाना चाहिए और यही मैंने पीसीए को बताया है। मुझे उम्मीद है कि पंजाब क्रिकेट के गौरव के दिन वापस आएंगे और हम भारतीय क्रिकेट को कुछ बेहतरीन गेंदबाज देने की क्षमता रखते है।’’
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