Bhopal:तैयारी किसी भी अध्ययन योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। मुख्य प्रश्न यह है कि, ‘क्या तैयारी ऑनलाइन करनी चाहिए या ऑफलाइन।यानी ऑनलाइन कोचिंग जैसे अनएकेडमी,बायजूस या क्लास में बैठकर जैसे सामान्य कोचिंग सेंटर जाकर। हाल ही के समय में देखा गया है कि कई शानदार कोचिंग संस्थान ऐसे कार्यक्रम और योजनाओं के साथ उभरे हैं जो ऑनलाइन ट्यूशन और ऑफलाइन ट्यूशन दोनों सुविधाएं देते हैं। सवाल ये है कि बेहतर क्या है आप किस माध्यम से अध्ययन करना चाहते हैं।
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Online Coaching v/s Offline Coaching
ऑफलाइन कोचिंग क्या है: ऑफलाइन कोचिंग सीखने का पारंपरिक तरीका है यानि की- कक्षा में बैठकर पढ़ना। सीखने के इस तरीके में, छात्रों को कक्षाओं में उपस्थित होना होता है और कक्षा में शिक्षक के साथ आमने-सामने पढ़ाई करनी होती है।
ऑनलाइन कोचिंग क्या है: ऑनलाइन कोचिंग सीखने का एक नया तरीका है जिसने पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की है। यह कंप्यूटर आधारित शिक्षा है जहां छात्र अपनी सुविधा के अनुसार और अपने घरों में आराम से अध्ययन कर सकते हैं। यहां, छात्रों को कक्षा के अंदर बैठने के लिए यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है।
क्योंकि अलग-अलग छात्रों की अलग-अलग ज़रूरतें होती हैं, कई कोचिंग सेंटर, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो हैं। जो छात्र स्वयं अध्ययन करने में अधिक सहज होते हैं वे ऑनलाइन मोड का चयन करते हैं। जो छात्र पुराने स्कूल की शिक्षा को पसंद करते हैं वे कक्षा के अनुभव को पसंद करते हैं। नीचे दी गई तालिका ऑनलाइन कोचिंग बनाम ऑफलाइन कोचिंग के लिए तुलना का एक प्रतिनिधित्व है जो आपको यह तय करने में मदद करने के प्रयास में है कि सीखने का कौन सा तरीका आपकी तैयारी के लिए सबसे अच्छा होगा।
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ऑनलाइन कोचिंग के फायदे
ऑनलाइन अध्ययन के तरीके से अध्ययन के कई फायदे है। यह बहुत सुविधाजनक है, इस सुविधा के उपयोग से आप अपने घर पर ही रहकर बातचीत कर सकते है। आप क्लासरूम की तरह यहाँ पर भी एक दुसरे से सवाल जबाब कर सकते है।
प्राकृतिक आपदा या आपातकाल की स्थिति में ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया का सही उदाहरण हाल ही में फैली कोविड-19 महामारी है, जिसका प्रभाव सारी दुनियाँ में है और इसके प्रभाव से बचने के लिए सभी प्रयत्नशील है। इन दिनों कई स्कूल छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपना रहें है। वास्तव में ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा के लिए एक सुरक्षित विकल्प है।
ऑफलाइन कोचिंग के फायदे
यह पढ़ाई की पुरानी शैली पसंद करने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।यहां आप टीचर की निगरानी में अध्ययन करने का फायदा ले सकते हैं।हालांकि अब व्यापारिक कोचिंग्स में देखा गया है कि आप पर टीचर पर्सनली ध्यान नहीं देते हैं।इसके साथ ही इसका एक फायदा यै है कि मौके पर संदेह का समाधान हो जाता है।साथ ही शिक्षकों और छात्रों दोनों के साथ एक संवादात्मक वातावरण तैयार होता है।वहीं जब आप क्लास में आपके और आपके दोस्तों के बीच पढ़ते हो तब प्रतिस्पर्धी माहौल बनता है।और जब आपके सामने शिक्षक खड़ा होता है, तो आप अधिक चौकस होने लगते हैं (सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक कारक)।वहीं एक विशिष्ट समय पर नियमित कक्षाएं आपको अधिक अनुशासित बनाती हैं।
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निष्कर्ष
स्वाभाविक रूप से ऑनलाइन कोचिंग और ऑफलाइन कोचिंग दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्रों को यह समझना चाहिए कि उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है। कोचिंग करते समय आपको ध्यान रखना होगा कि आप यह तरीके के साथ, कड़ी मेहनत और ईमानदारी से करें।बाकि आपको बता दें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रेगुलरटी यानि की नियमित पढ़ाई करें जितने भी सफल छात्र हैं उन्होंने हर दिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करी है।
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online coaching vs offline coaching
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