MP Ayodhya Ram Mandir: मध्यप्रदेश में प्रभु श्रीराम के ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने आप में आलोकिक कथाएं समेटे हुए हैं। एक ऐसा ही मंदिर इंदौर में है, जहां मंदिर में विराजमान श्रीराम और लक्ष्मण जी की मूर्ति की मूछें हैं।
आपको बता दें, कि मंदिर में प्रभु राम और लक्ष्मण के मुखमंडल पर तनी हुई मूंछों से उनके दर्शन सुकुमार रूप में नहीं बल्कि क्षत्रिय रूप में होते हैं। यहां प्रभु श्रीराम मूंछ वाले स्वरूप में विराजमान हैं।
आज अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के सुअवसर पर आपको बताते हैं, इंदौर शहर में स्थित इस मंदिर में मूंछ वाले राम दरबार की रोचक कथा……..
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मंदिर कहां है?
यह मंदिर इंदौर (MP Ayodhya Ram Mandir Live Update) शहर के जूनी क्षैत्र में स्थित हैं। जहां शनि मंदिर में श्रीराम दरबार बना हुआ है। इस मंदिर का 200 साल पुराना इतिहास है। मंदिर में मौजूद मूर्ति सफेद संगमरमर से बनी श्रीराम के साथ माता सीता और लक्ष्मणजी की है।
मूर्ति में प्रभु राम और लक्ष्मणजी के चेहरे पर मूंछे तनी हुई है। साथ ही भगवान श्रीराम अपने हाथ में धनुष-बाण लिए हुए हैं। आज अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर मंदिर को बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया है।
यहां शनि महाराज को चढ़ता है, सिंदूर
बता दें, कि यहां पर विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर (MP Ayodhya Ram Mandir Live Update) है, जहां शनि महाराज को सिंदूर चढ़ाया जाता है। यहां शनिवार को शनि महाराज के दर्शन के लिए दूर-दराज से भक्तजन आते हैं। ऐसा माना जाता है, कि शनिदेव के दर्शनों से ढैय्या और साढ़ेसाती से पीड़ित जातकों को राहत मिलती है।
आज इस अवसर पर मंदिर में शनि महाराज का भी खास श्रृंगार हुआ है। शनि महाराज का श्रृंगार रामजी के स्वरूप में किया गया है।
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प्रभु की सेवा में पुजारी की चौथी पीढ़ी
मंदिर के पुजारी का कहना है, कि इंदौर (MP Ayodhya Ram Mandir Live Update) शहर में विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां प्रभु श्रीराम की मूंछ वाली प्रतिमा है। एक बात सामने यह भी आती है, कि क्षत्रीय बिना मूंछ के नहीं रहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार ने भगवान श्रीराम की यह मूर्ति बनाई थी। मूर्ति करीब साढ़े 3 फीट की है।
पुजारी का कहना है, कि हमारी 4 पीढ़ियों ने मंदिर में प्रभु की सेवा की है।अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के इस अवसर पर भगवान को छप्पन प्रकार का भोग लगाएंगे। प्रभु की आरती की जाएगी। आरती के बाद प्रसादी वितरण के साथ ही भजन संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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