भोपाल। मप्र विधानसभा का आज तीसरा दिन था। 16वीं विधानसभा में नरेंद्र सिंह तोमर को सर्व सहमति से विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है। तोमर ग्वालियर चंबल इलाके से पहले और मप्र विधानसभा के 15वें अध्यक्ष हैं।
आज विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल का अभिभाषण हुआ जिसमें उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र सबका साथ-सबका विकास का है। इस मंत्र को नई सरकार ने आत्मसात किया है।
सदन के बाहर धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक
मध्यप्रदेश विधानसभा से पंडित नेहरू की तस्वीर हटाने को लेकर सियासत जारी है। कांग्रेस विधायक नेहरू तस्वीर हटाने को लेकर सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए हैं। नेहरू की तस्वीर सदन से हटाए जाने का कांग्रेस विरोध कर रही है।
इस दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कांग्रेस विधायकों ने बाबा साहब अमर रहे के नारे भी लगाए। कांग्रेस नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री के अपमान का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक गांधी, नेहरू, अंबेडकर और सरदार पटेल की फोटो लेकर धरने पर बैठ है।
डिप्टी स्पीकर का पद चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए होने वाले निर्वाचन में नरेंद्र सिंह तोमर का समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस चाहती है कि उसे डिप्टी स्पीकर का पद मिले। अगर बीजेपी इसका समर्थन करती है तो डिप्टी स्पीकर कांग्रेस का हो सकता है।
बता दें कि पहले भी यह देखा गया है कि विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद विक्षपी पार्टियों को मिलता रहा है। कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद से यह पद किसी को नहीं मिला।
दूसरे दिन 207 विधायकों ने थी शपथ
मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को 21 विधायकों ने शपथ ग्रहण की। सोमवार को 207 विधायकों ने शपथ ली थी। प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव पहले ही शपथ ले चुके हैं। छिंदवाड़ा विधायक कमलनाथ विदेश में होने के चलते इस सत्र में शामिल नहीं हो रहे हैं।
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नेता प्रतिपक्ष किया विरोध
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पं. जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर हटाने पर विधानसभा परिसर में कहा था कि डॉ. अंबेडकर के बाद ये गोडसे के फोटो लगाएंगे। नेहरू जी का फोटो हटाना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि उनके विचार खत्म करने का प्रयास है।
प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव का बयान
विधानसभा से पूर्व पीएम नेहरु की तस्वीर पर हो रही सियासत को लेकर भार्गव बोले थे कि ये सब कुछ पिछले कार्यकाल के दौरान हुआ था। जब आसंदी के पीछे तस्वीरें लगाने का फैसला लिया गया था। तब नेहरू की तस्वीर के पीछे सीलन आ गई थी।
इसी कारण तस्वीर बदलने का फैसला लिया गया। नेहरू और अंबेडकर दोनों ही हमारी सर्वोच्च नेता है। सबके लिए बराबर का सम्मान है। कांग्रेस की अगर कोई आपत्ति आए तो हमारे पास आ सकते हैं।
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