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MP Rishwat Case: मध्यप्रदेश के सिंगरौली में करप्शन मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। रीवा लोकायुक्त पुलिस टीम ने चितरंगी तहसील के नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को 4000 रुपए की रिश्वत लेते मंगलवार, 25 नवंबर को गिरफ्तार किया है। वहीं मामले में राजस्व निरीक्षक (RI) हरी प्रसाद वैश को भी आरोपी बनाया गया है।
जमीन पर कब्जा दिलाने मांगे थे 15 हजार
इन अधिकारियों ने जमीन से बेदखली कराए जाने के एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी, लेकिन लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाइ में कुल 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का सत्यापन हुआ।
शिकायतकर्ता प्रवीण चतुर्वेदी, जो करौली (सीधी) के निवासी हैं, ने लोकायुक्त को बताया कि उन्होंने 2016 में बालाखंड, चितरंगी में 0.800 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। विक्रेता के बेटों ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद प्रवीण चतुर्वेदी ने 2017 में बेदखली के लिए आवेदन किया।
चार साल पहले हो चुका था आदेश
नायब तहसीलदार अदालत ने 8 सितंबर 2021 को बेदखली का आदेश दिया था, लेकिन स्थानीय अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं कर रहे थे और इसके एवज में लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे।
शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस टीम ने चितरंगी फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में छापामार कार्रवाई करते हुए दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
कार्रवाई से हड़कंप
लोकायुक्त पुलिस की इस कार्रवाई के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। पीड़ित प्रवीण चतुर्वेदी निवासी ग्राम/पोस्ट करौली तहसील सिहावल की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने की कार्रवाई, जमीन की बेदखली कराए जाने पर नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक ने आवेदक से पैसे की मांगे थी। जिसकी शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त पुलिस को की। सत्यापन के बाद लोकायुक्त पुलिस ने प्लानिंग के तहत चितरंगी फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में दोनों अधिकारियों का रंगे हाथ पकड़ लिया।
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