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MP Gehu Kharidi: मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा अगले सीजन में गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने की घोषणा के बाद किसानों में असंतोष बढ़ गया है। किसान संगठनों का कहना है कि यह दर केंद्र द्वारा बढ़ाए गए एमएसपी (MSP) के मुकाबले बहुत कम लाभ देती है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं का एमएसपी 2585 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो 160 रुपए की वृद्धि है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा घोषित 2600 रुपए के भाव पर किसानों को बोनस सिर्फ 15 रुपए मिलेगा।
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किसानों की नाराजगी बढ़ी
किसान संगठनों के प्रतिनिधि इसे मजाकिया बोनस बता रहे हैं। उनका कहना है कि इतनी छोटी राशि से न किसानों की लागत पूरी होगी, न किसी प्रकार की राहत मिलेगी। किसान नेताओं का कहना है कि बोनस की राशि मायने रखती है और इतने कम अंतर को बोनस कहना किसानों के साथ अन्याय है।
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संगठनों ने सरकार से क्या मांगा
कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 15 रुपए का बोनस किसानों के लिए बेकार है। उनका सुझाव था कि यदि सरकार ज्यादा नहीं दे सकती, तो इस राशि को किसी किसान फंड में डाल दे, ताकि इसका उपयोग भविष्य में किसानों के कल्याण के लिए हो सके। भारतीय किसान संघ के प्रांताध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने मांग की कि जब केंद्र सरकार ने जब एमएसपी बढ़ाया है तो राज्य सरकार भी बोनस बढ़ाकर कुल दर 2700 रुपए प्रति क्विंटल कर दे।
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