
MP Energy Department Mission 2028: मध्यप्रदेश सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को आधुनिक और घाटा मुक्त बनाने के लिए आगामी तीन साल का 'रोडमैप' पेश किया है।
मध्यप्रदेश का ऊर्जा विभाग अब गुजरात मॉडल की तर्ज पर ऊर्जा पुलिस की स्थापना से लेकर आईलैंडिंग सिस्टम तक कई बड़े नवाचार करने जा रहा है। उत्तरप्रदेश के साथ बिजली के लेन-देन का प्रस्ताव भी तैयार है।
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1. गुजरात की तर्ज पर ऊर्जा पुलिस थाने
बिजली चोरी पर लगाम लगाने और राजस्व घाटे को कम करने के लिए मध्यप्रदेश में ऊर्जा पुलिस की स्थापना की जाएगी।
सेटअप: इसके लिए पदों के सृजन की स्वीकृति मिल चुकी है।
प्रतिनियुक्ति: पुलिस मुख्यालय (PHQ) से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिए जाएंगे।
विशेष विद्युत थाना: प्रदेश के संभाग मुख्यालयों पर विशेष विद्युत थाने स्थापित किए जाएंगे।
फंडिंग: इन थानों का पूरा खर्च बिजली कंपनियां वहन करेंगी।
2. उत्तर प्रदेश के साथ 'एनर्जी एक्सचेंज' बीट प्लान
बैटरी स्टोरेज और पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के उद्देशय से एमपी सरकार उत्तर प्रदेश के साथ कॉप्लिमेंट्री बेसिस पर काम करेगी।
मैकेनिज्म: इस बीट प्लान के तहत 6 महीने मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश को बिजली देगी और बाकी 6 महीने यूपी से बिजली ली जाएगी। अन्य राज्यों से भी इस तरह के अनुबंध के लिए बातचीत जारी है।
3. आईलैंडिंग प्रोजेक्ट: ब्लैकआउट में भी रोशन रहेंगे शहर
जबलपुर में सफल क्रियान्वयन के बाद अब आईलैंडिंग परियोजना का विस्तार प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में किया जाएगा।
सुरक्षा चक्र: यदि राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर ग्रिड फेल (बंद) होती है, तब भी आईलैंडिंग सिस्टम के कारण शहर का नेटवर्क प्रभावित नहीं होगा और बिजली चालू रहेगी।
विस्तार: जबलपुर के बाद अब भोपाल और इंदौर के लिए इस प्रोजेक्ट की DPR (विस्तृत कार्य योजना) तैयार की जा रही है।
4. लक्ष्य और बुनियादी ढांचा
| क्षेत्र | लक्ष्य / योजना | समय सीमा |
| बिलिंग एफिशिएंसी | 78% से बढ़ाकर 90% करना | आगामी 3 वर्ष |
| AT&C हानियां | घाटे को कम कर 11% तक लाना | 2028-29 |
| स्मार्ट मीटर | सरकारी और निजी कनेक्शनों में पूर्ण कवरेज | 2026-27 |
| सिंहस्थ 2028 | ₹330 करोड़ के बिजली कार्य पूर्ण करना | समय सीमा में |
| ट्रांसमिशन | ₹5,000 करोड़ के सुदृढ़ीकरण कार्य | 3 वर्ष के भीतर |
5. उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी
सोलर प्लांट: मुरैना में 660 मेगावॉट के सोलर प्लांट का काम शुरू हो चुका है।
थर्मल पावर: सारणी और चचाई में 660-660 मेगावॉट के दो नए सरकारी जनरेटिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
अवैध कॉलोनी: प्रदेश की अवैध कॉलोनियों में स्थायी बिजली कनेक्शन या सप्लाई का मार्ग तलाश रहे है।
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