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MP Employees News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ( जबलपुर) ने कहा कि प्रदेश में हजारों कर्मचारियों को नियमितिरकण लंबित हैं, जबकि 10-15 साल की नौकरी पूरी होने के बाद कर्मचारी को नियमित कर देना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह बात सोमवार, 8 दिसंबर को सरकारी कर्मचारी राकेश चौरसिया की नियुक्ति को 38 साल बाद अवैध बताने वाले शासन के आदेश ( 07 अप्रैल 2025) के खिलाफ अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शासन के इस आदेश को खारिज कर दिया है। साथ ही राज्य शासन (सरकार) को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इतनी लंबी सेवा के बाद नियुक्ति को अवैध ठहराना पूरी तरह अनुचित है।
यह फैसला राकेश चौरसिया की तीसरी रिट याचिका पर सुनाया गया, जिसमें हाईकोर्ट ने कर्मचारी को बड़ी राहत दी है।
हाईकोर्ट की प्रमुख टिप्पणियां
38 साल सेवा के बाद नियुक्ति को अवैध बताना अनुचित।
शासन का 07.04.2025 का आदेश रद्द।
मुख्य सचिव की नीति और समिति के अनुसार नियमितिकरण पर कार्रवाई करने के निर्देश।
कोर्ट ने कहा, 10-15 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों का नियमितिकरण सुनिश्चित करें।
हजारों कर्मचारियों के लंबित नियमितिकरण मामलों पर हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताई।
राज्य शासन को फटकार
हाईकोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि सरकार वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों का नियमितिकरण नहीं कर रही, जबकि यह मुख्य सचिव की नीति और समिति की सिफारिशों के खिलाफ है।
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कर्मचारी राकेश चौरसिया को बड़ी राहत
38 वर्षों से लगातार सेवा देने के बाद जब शासन ने उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराने की कोशिश की, तो कोर्ट ने इसे कानूनी रूप से असंगत और प्रशासनिक रूप से अत्यंत अनुचित माना है।
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