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MP डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस: तत्काल औचक निरीक्षण शुरू करें पुलिस के बड़े अधिकारी, CM मोहन यादव के निर्देश

भोपाल में डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पुलिस के बारे में जनसामान्य की धारणा बदलने और पुलिस के जनता से बेहतर संवाद के लिए विशेष पहल की आवश्यकता है।

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Rahul Garhwal
MP DGP IG conference CM Mohan Yadav bhopal hindi news

MP DGP-IG Conference: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्यप्रदेश की धरती से नक्सलवाद को उखाड़ फेंकने के लिए पुलिस फोर्स को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मोर्चे पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर के विधानसभा के विशेष सत्र में भी पुलिस फोर्स की सराहना हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नक्सलवाद से प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास और जनकल्याण की गतिविधियां इस प्रकार संचालित की जाएं, ताकि नक्सलवाद पुनः अंकुरित न हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक-महा निरीक्षक सम्मेलन वर्ष 2025 को संबोधित कर रहे थे।

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सीएम यादव बोले- औचक निरीक्षण शुरू करें

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने प्रभार के क्षेत्रों में आकस्मिक निरीक्षण जैसी गतिविधियां तत्काल आरंभ करें। सीएम मोहन यादव के पुलिस मुख्यालय आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

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सीएम मोहन यादव का स्वागत करते डीजीपी कैलाश मकवाना

मुख्यमंत्री यादव ने सलामी गारद का निरीक्षण किया। सीएम का पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह शिवशेखर शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताई भूमिका

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में शुरू हुई कॉन्फ्रेंस में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में "विकसित भारत: सुरक्षा आयाम" विषय पर रायपुर में हुए पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन के निर्देश और क्रियात्मक बिंदुओं के प्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय सम्मेलन में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था, पुलिस आधुनिकीकरण, महिला सुरक्षा, पुलिस थाना परिसरों के पुनर्विकास, सिंहस्थ-2028 और साइबर इनीशिएटिव्स, पुलिसिंग में तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, नवीन कानूनों के प्रचार- प्रसार, कम्युनिटी पुलिसिंग, आपदा प्रबंधन में पुलिस की भूमिका, नशा-मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों, टूरिस्ट पुलिसिंग, फॉरेंसिक साइंस, साइबर अपराधों की रोकथाम और सड़क सुरक्षा आदि विषयों पर राज्य शासन से अपेक्षाओं के संबंध में विचार-विमर्श हुआ।

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सीएम मोहन यादव बोले-सोशल मीडिया शक्तिशाली साधन, लेकिन गंभीर चुनौती

सीएम मोहन यादव ने कहा कि वर्तमान युग में सोशल मीडिया अत्यंत शक्तिशाली साधन होने के साथ-साथ गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। इसके दुरुपयोग से अफवाह, अपराध और भ्रम फैलाने की संभवनाएं भी बढ़ी हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम सोशल मीडिया की शक्ति का सकारात्मक और रचनात्मक सामग्री के उपयोग करें। किसी भी भ्रामक या उकसाऊ सामग्री को समय रहते पहनाकर उस पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करना आज की आवश्यकता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया के युग में पुलिस से त्वरित सहायता की अपेक्षा भी जनसामान्य में बढ़ी है। इन अपेक्षाओं और भावनाओं के अनुरूप पीड़ित को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बल को तकनीकी रूप से दक्ष और साधन संपन्न होना होगा।

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पुलिस हेडक्वार्टर में मीटिंग

'जनता से बेहतर संवाद के लिए विशेष पहल की जरूरत'

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस के बारे में जनसामान्य की धारणा बदलने और पुलिस के जनता से बेहतर संवाद के लिए विशेष पहल करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी उपलब्धियों और सकारात्मक गतिविधियों के संबंध में जनप्रतिनिधियों और जनसामन्य से जानकारियां साझा करें। पुलिस अधिकारी बेहतर संवाद के लिए मीडिया के माध्यम से सक्रिय रहें। पुलिस की छवि मदद करने वाली हो, हमारा प्रयास हो कि लोग पुलिस को भय नहीं विश्वास की नजरों से देखें। पुलिस से अपराधियों में भय हो लेकिन आमजन में भरोसे और सुरक्षा की भावना विकसित हो। इस विश्वास को बनाए रखना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सामुदायिक पुलिसिंग गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हुए महिला सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा के लिए समाज में वातावरण बनाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी भाषा और व्यवहार के प्रति सजग-सतर्क रहने की सलाह दी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पुलिस में नवाचार करने और सामाजिक सरोकार से गतिविधियां संचालित करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए।

'जागरूकता और तकनीक दोनों पर कार्य'

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए पुलिस को जागरूकता और तकनीक दोनों पर कार्य करना होगा। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट की पहचान कर विशेष रणनीति बनाई जाए। संवेदनशील मार्गों पर नियमित पेट्रोलिंग, गति नियंत्रण, शराब पीकर वाहन चलाने पर सख्त निगरानी और यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करने से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। उन्होंने सड़क दुर्घटना में घालय व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वालों के लिए लागू राहवीर योजना की जानकारी का विस्तार करने की आश्यकता बताई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ड्राइवरों की आंखों के परीक्षण के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि 108 एम्बुलेंस के ड्राइवरों का निजी अस्पतालों से गठजोड़ विकसित नहीं हो।

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शराब बेचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि महिला सुरक्षा राज्य सरकार और पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। जिन क्षेत्रों में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की संभावना ज्यादा रहती है वहां विशेष निगरानी, नियमित गश्त और त्वरित कार्यवाही की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में नशे के विरुद्ध वातावरण बनाने के उद्देश्य से ही धार्मिक शहरों में शराब बंदी लागू की गई है। इन शहरों में अन्य तरीकों से शराब बेचने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। शराब के अलावा दवा या अन्य रासायनिक पदार्थों के नशे की गतिविधियों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश

सीएम मोहन यादव ने कहा कि पुलिस की विभिन्न गतिविधियों और विशेषज्ञताओं पर प्रशिक्षण की व्यवस्था एक ही कैम्पस में सुनिश्चित की जाए। बैठक में घनी आबादी वाले, कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के विकास के लिए नगरीय प्रशासन विभाग से मिलकर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उज्जैन, बुरहानपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में लोगों ने स्वप्रेरणा और सामुदायिक सहभागिता से अतिक्रमण हटाकर विकास गतिविधियों के क्रियान्वयन को सुगम बनाया है। ऐसे उदाहरणों को अन्य शहरों के लोगों से भी साझा किया जाए, इससे विकास गतिविधियों के संचालन के लिए सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री यादव ने छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलम्पिक के समान प्रदेश में भी जनजातीय संस्कृति और परम्परा के अनुरूप सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। 

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कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद विरोधी दस्ते, कानून व्यवस्था, वामपंथी उग्रवाद, पुलिस आधुनिकीकरण, महिला सुरक्षा, सिंहस्थ 2028, साइबर सुरक्षा, पुलिस में तकनीक और आर्टीफिशियल उपयोग और फॉरेंसिक गतिविधियों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिए।

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