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Mandsaur Police NDPS Case: मध्यप्रदेश की मंदसौर पुलिस का काला कारनामा सामने आया है। यहां की पुलिस पर 12वीं क्लास के टॉपर छात्र को बस से उठाकर NDPS एक्ट के तहत अफीम तस्करी के केस में फंसाने का आरोप है। इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने मंगलवार, 9 दिसंबर को सुनवाई की।
इस दौरान मंदसौर एसपी विनोद कुमार मीणा कोर्ट में पेश हुए और स्वीकार किया कि युवक को पकड़ने वाली पुलिस टीम मल्हारगढ़ थाने की ही थी। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि मामले में निर्धारित जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके चलते 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर विभागीय जांच की जा रही है। लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट ने मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया है।
पीएससी की तैयारी करना चाहता था सोहन
परिजनों ने बताया कि सोहन 12वीं में फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ है और पीएससी की तैयारी करना चाहता था। वह 29 अगस्त को रिश्तेदारों से मिलने मंदसौर आया था, तभी उसे झूठे केस में फंसा दिया गया।
कोर्ट ने पूछा- क्या युवक 10 साल इंतजार करेगा?
सरकार के वकील ने कहा कि स्थिति ट्रायल कोर्ट में स्पष्ट हो जाएगी। इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा “तो क्या आरोपी युवक 10 साल तक फैसले का इंतजार करता रहेगा ?” कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि जब मल्हारगढ़ थाने में 55 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं, तब भी कानूनी प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं हुआ।
बस से खींचकर किया था गिरफ्तार
29 अगस्त 2025 को 18 वर्षीय सोहन मंदसौर से प्रतापगढ़ जा रहा था। इसी दौरान बस में 3-4 लोग चढ़े और उसे जबरन खींचकर ले गए। युवक को मल्हारगढ़ थाने ले जाकर उस पर 2 किलो 714 ग्राम अफीम रखने का केस दर्ज कर दिया गया और अगले दिन कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
FIR और CCTV में अलग-अलग बातें
मल्हारगढ़ पुलिस ने FIR में बताया था कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मल्हारगढ़ स्थित बांडा खाल चौराहा के पास श्मशान के सामने से सोहनलाल को हिरासत में लिया था। उसके पास मौजूद पिट्ठू बैग की तलाशी ली तो उसमें 2 किलो 714 ग्राम अफीम बरामद हुई, जिसकी कीमत 5 लाख 42 रुपए आंकी गई। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर से दिख रहा है कि पुलिस आरोपी को बस से उतार कर पकड़कर ले जा रही है।
CCTV फुटेज से पलटा पूरा केस
परिजनों ने ट्रैवल्स कंपनी से बस का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किया। फुटेज में साफ दिखा कि सुबह 11:39 बजे कुछ पुलिसकर्मी बस में चढ़े और सफेद शर्ट पहने सोहन को जबरदस्ती उतारा गया। उसी दिन शाम 5:17 बजे उसके खिलाफ अफीम का केस दर्ज हुआ। यह वीडियो हाईकोर्ट में पेश किया गया, जिससे पुलिस का दावा कमजोर पड़ गया।
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पहली सुनवाई में पुलिस ने कोर्ट को गुमराह किया
5 दिसंबर की सुनवाई में पुलिस ने दावा किया था कि बस से युवक को उठाने वाली टीम मल्हारगढ़ की नहीं थी। लेकिन फोटो-वीडियो सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने इसे गलत पाया और एसपी को स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया।
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