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Karni Sena Protest: मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आज (21 दिसंबर) को इतिहास का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। करणी सेना के नेतृत्व में आयोजित 'जनक्रांति आंदोलन' में 20 हजार से ज्यादा लोग नेहरू स्टेडियम पहुंचे हैं। 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना का आंदोलन चल रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्षों ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए भोपाल और दिल्ली कूच की चेतावनी दी है, मंच से कहा कि मांगें नहीं मानी गईं तो सड़क पर उतरेंगे। जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूरे जिले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
जीवन सिंह शेरपुर ने फूंका आंदोलन का बिगुल
हरदा के नेहरू स्टेडियम में जारी करणी सेना का यह आंदोलन अब एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक मोड़ पर पहुंच गया है। मंच से संबोधित करते हुए करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने सीधे तौर पर 'विश्वासघात' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व में किए गए वादों को लेकर सही फैसला नहीं लिया गया, जिसके कारण अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है।
महिपाल सिंह मकराना का अल्टीमेटम
राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने प्रशासन के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि वे पिछले 10 घंटों से अनुशासन का परिचय दे रहे हैं, लेकिन इसे कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने प्रशासन को महज 30 मिनट का समय देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हुआ, तो यह जनसैलाब सड़कों पर उतरेगा और भोपाल से लेकर दिल्ली तक कूच करेगा। (Karni Sena protest in mp)
हाई अलर्ट पर प्रशासन, छावनी में तब्दील हरदा
जनक्रांति आंदोलन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिला मुख्यालय स्थित नेहरू स्टेडियम में होने वाले इस प्रदर्शन से पहले ही प्रशासन ने पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रख दिया है। प्रशासन ने जिलेभर में पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। यह घेरा सिर्फ आंदोलन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जिले के सभी प्रवेश और निकास मार्गों तक फैला हुआ है। बाहर से बुलाए गए पुलिस बल के ठहरने के लिए शहर की लगभग 30 होटल और धर्मशालाएं प्रशासन के नियंत्रण में ले ली गई हैं। जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह तक शहर में करीब 10 हजार करणी सैनिक और किसान मौजूद हैं। (Karni Sena Jan Kranti Andolan)
क्या हैं प्रमुख 21 सूत्री मांगें?
करणी सेना ने जो मांगें उठाई हैं उसमें सामाजिक, आर्थिक और किसान हितों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। प्रमुख मांगों में:
- आरक्षण व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया में सुधार।
- आर्थिक आधार पर आरक्षण की पैरवी।
- किसानों के बिजली बिल और स्मार्ट मीटर संबंधी समस्याएं।
- महिला सुरक्षा, गो-संरक्षण और मीडिया कर्मियों के हित।
- पूर्व में दर्ज हुए केसों की वापसी और न्यायिक जांच की मांग।
क्या है आंदोलन की असली वजह?
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बता दें कि, इस आंदोलन की जड़ हरदा के ग्राम केलनपुर निवासी आशीष राजपूत से जुड़ा एक मामला है। आशीष के साथ हीरे के नाम पर धोखाधड़ी हुई थी। पुलिस ने इस मामले के आरोपियों को इंदौर से हरदा लाकर कोर्ट में पेश करने की तैयारी की थी। इसी दौरान करणी सेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोपियों को पुलिस से अपने हवाले करने की मांग की।
जब स्थिति तनावपूर्ण हुई तो सिटी कोतवाली के सामने हल्का बल प्रयोग किया गया। इसके बाद कलेक्टर बंगले के पास धरना शुरू हो गया। अगले दिन हालात और बिगड़े तो पुलिस को आंसू गैस, वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इस कार्रवाई में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर सहित करीब 40 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसी दौरान राजपूत छात्रावास परिसर में भी पुलिस कार्रवाई हुई थी।
राजपूत छात्रावास बना ठिकाना
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वहीं अब जनक्रांति आंदोलन में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के साथ-साथ राजस्थान से भी करणी सैनिक हरदा पहुंचे हैं। सभी को अलग-अलग स्थानों पर ठहराया गया है। राजपूत छात्रावास में उनके लिए चाय-नाश्ते और भोजन की व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि जावरा से आए करीब 50 से ज्यादा लोग सामूहिक रूप से भोजन तैयार कर रहे हैं। फिलहाल छात्रावास परिसर में दो हजार से ज्यादा करणी सैनिक मौजूद हैं।
हर गतिविधि पर नजर
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सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए संवेदनशील इलाकों में हाईटेक CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इतना ही नहीं ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 1500 अतिरिक्त पुलिसकर्मी रिजर्व में रखे गए हैं, जबकि आसपास के जिलों का पुलिस बल भी अलर्ट मोड पर है। आंदोलन स्थल के आसपास बैरिकेडिंग, रूट डायवर्जन, पिकेटिंग, पेट्रोलिंग और ट्रैफिक मैनेजमेंट की व्यवस्था भी की गई है।
वहीं प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे यातायात से जुड़े निर्देशों का पालन करें। किसी भी परेशानी की स्थिति में यातायात थाना के हेल्पलाइन नंबर 07577-222104 पर तुरंत संपर्क करें।
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