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Aidal Singh Kansana Report Card: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री मोहन यादव ( CM Mohan Yadav) सरकार और उनकी कैबिनेट के दो साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर राज्य सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों का लेखा-जोखा जनता के सामने रख रहे हैं। इसी कड़ी में आज कृषि मंत्री एदल सिंह कसाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि विभाग के दो साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना का रिपोर्ट कार्ड: कहा- प्री-प्लांड होते हैं खाद की किल्लत के वीडियो, MP में भरपूर खाद#AgricultureMinister#AidalSinghKansana#FarmersWelfare#AgricultureGrowth#FertilizerFactCheck#IrrigationExpansion#CropProduction#MPNews#PressConference… pic.twitter.com/UzPfMLXH5X
— Bansal News Digital (@BansalNews_) December 19, 2025
बजट, रकबा और सिंचाई में बड़ा विस्तार
इस दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि, प्रदेश में कृषि क्षेत्र के लिए बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है। जहां साल 2002-03 में कृषि विभाग का बजट महज 600 करोड़ रुपए था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 27,050 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि का रकबा 2024-25 में बढ़कर 297 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि सिंचाई क्षमता भी 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है।
किसान हित में बड़ी उपलब्धियां
कृषि मंत्री एदल सिंह कसाना ने बताया कि, मक्का उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर, जबकि दलहन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। किसानों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से बड़े स्तर पर सहायता दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 29 जिलों के 27 लाख 28 हजार किसानों को 1,860.23 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित की गई है। साल 2024-25 में 35 लाख से अधिक किसानों को 275.86 करोड़ रुपए का दावा भुगतान भी किया गया है।
खाद संकट के आरोपों पर मंत्री का पलटवार
खाद की किल्लत को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर कृषि मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि खाद की लाइनों के जो वीडियो सामने आते हैं, वे प्री-प्लांड होते हैं। मंत्री ने कहा कि लोगों को जानबूझकर लाइन में खड़ा कराकर हंगामा कराया जाता है और फिर वीडियो वायरल किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है और खाद संकट की खबरें पूरी तरह फर्जी हैं।
कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता में भ्रम फैलाने का काम कर रही है। कृषि मंत्री ने दो टूक कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और खाद, बीज व सिंचाई को लेकर किसी तरह की समस्या नहीं है।
उत्पादन में एमपी की मजबूत स्थिति
एदल सिंह कंसाना ने बताया कि सोयाबीन और मक्का उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।।गेहूं, उड़द, मसूर, चना, सरसों, कुल तिलहन, कुल दलहन, कुल खाद्यान्न और मोटा अनाज उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
किसानों को राहत और सीधा भुगतान
मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने पर विशेष ध्यान दिया है।।पिछले दो वर्षों में 38 लाख 51 हजार किसानों से 2 करोड़ 41 लाख मीट्रिक टन अनाज की खरीदी की गई। इसके बदले 81,728 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए। 29 जिलों के 27.28 लाख किसानों को 1,860.23 करोड़ रुपये की राहत राशि दी गई। 2024-25 में 35 लाख से अधिक किसानों को 275.86 करोड़ रुपये का दावा भुगतान किया गया।
भावांतर भुगतान योजना और MSP
कृषि मंत्री ने बताया कि सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। अब तक 9.36 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है। 6 लाख किसानों ने 13.89 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन मंडियों में बेचा। दो चरणों में 2.67 लाख किसानों के खातों में 482 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को MSP से कम कीमत नहीं मिली, और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन व पारदर्शी रही।
मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में यूरिया, डीएपी और एनपीके की पर्याप्त आपूर्ति है। भारत सरकार से मध्य प्रदेश को जरूरत से अधिक खाद मिली है। खाद पर केंद्र सरकार की 2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी है, जिसमें से करीब 25 हजार करोड़ रुपये का लाभ एमपी को मिलता है।
तकनीक से पारदर्शिता
मंत्री ने कहा कि अब एग्री-स्टैक प्लेटफॉर्म के जरिए किसान की फार्मर ID, भूमि रिकॉर्ड और फसल विवरण जुड़ा है। खाद वितरण, मंडी नीलामी और भुगतान पूरी तरह डिजिटल और ट्रैक करने योग्य है। 1 जनवरी 2026 से पूरे प्रदेश में टोकन आधारित खाद वितरण प्रणाली लागू की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि
किसान की आय बढ़े, खेती लाभ का व्यवसाय बने और मध्य प्रदेश देश का आदर्श कृषि राज्य बने।
नकली खाद पर सख्त कार्रवाई
कृषि मंत्री ने बताया कि जहां-जहां शिकायतें मिलीं, वहां तत्काल कार्रवाई की गई। नकली खाद के मामलों में अब तक 95 FIR दर्ज की गई हैं, जो किसानों के हित में सरकार की सख्ती को दर्शाता है।
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