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Reels Addiction Effects: क्या आप भी हैं रील्स देखने के शौकीन! तो संभल जाएं…, भारी पड़ रही घंटों की स्क्रॉलिंग

Reels Addiction Effects: आज के समय में सोशल मीडिया हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन गया है। खासकर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स देखने की आदत अब लोगों में तेजी से बढ़ रही है।

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anjali pandey
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Reels Addiction Effects: आज के समय में सोशल मीडिया हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन गया है। खासकर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स देखने की आदत अब लोगों में तेजी से बढ़ रही है। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर उम्र का व्यक्ति घंटों फोन पर स्क्रॉल करता रहता है, लेकिन यही आदत अब मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा बनती जा रही है। रील्स की लत (Reels Addiction) न सिर्फ तनाव बढ़ाती है, बल्कि ध्यान की क्षमता, नींद और सामाजिक जीवन पर भी गंभीर असर डालती है।

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लगातार रील्स देखने से क्यों बढ़ता है स्ट्रेस?

रील्स देखने का सिलसिला जितना मज़ेदार लगता है, उतना ही खतरनाक भी साबित हो रहा है। अधिक समय तक स्क्रॉलिंग करने से दिमाग को लगातार डोपामाइन की आदत डाल देती है, जिससे छोटी-छोटी बातों पर भी बेचैनी और तनाव बढ़ने लगता है। यह आदत इतनी गहरी हो जाती है कि व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह मानसिक रूप से थक चुका है।

लंबे समय तक मोबाइल स्क्रीन पर रहने से चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी, और मेंटल फटीग बढ़ती है, जो धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर रील्स की लत के नुकसान

1. ध्यान क्षमता कमजोर होना

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लगातार 10–15 सेकेंड की रील्स देखने से दिमाग छोटी अवधि के कंटेंट का आदी हो जाता है। इससे कंसंट्रेशन पावर कम होने लगती है और लंबे समय तक किसी काम पर ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है।

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2. नींद पर बुरा असर

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स्क्रीन की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को कम कर देती है,
जो नींद को नियंत्रित करता है। इससे देर रात तक जागना, नींद की गुणवत्ता खराब होना, सुबह उठने पर थकान महसूस होना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

3. बढ़ता तनाव और एंग्जाइटी

बढ़ता तनाव और एंग्जाइटी
बढ़ता तनाव और एंग्जाइटी

ज्यादा स्क्रीन टाइम कोर्टिसोल (Stress Hormone) बढ़ा देता है। इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और व्यक्ति बेचैनी, घबराहट, मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना कर सकता है।

4. सिरदर्द और मानसिक थकान

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सिरदर्द और मानसिक थकान

लगातार तेज आवाज और तेज चलती विजुअल्स वाली रील्स देखने से दिमाग ओवरलोड हो जाता है, जिससे  सिरदर्द, आंखों में जलन, मानसिक थकान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

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सामाजिक दूरी और अकेलापन

सामाजिक दूरी और अकेलापन
सामाजिक दूरी और अकेलापन

रील्स देखने में ज्यादा समय बिताने से असल जीवन के रिश्तों से दूरी बनने लगती है। धीरे-धीरे व्यक्ति परिवार, दोस्तों और सामाजिक बातचीत से दूर होता जाता है, जिससे लोनलीनेस और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

रील्स की लत से कैसे पाएं छुटकारा? 

यदि आप अपनी आदत को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो ये आसान उपाय बहुत मदद कर सकते हैं।

1. सोशल मीडिया पर टाइमर सेट करें

ऐप का उपयोग तय समय से ज्यादा हो जाए, तो अलर्ट आने पर स्क्रॉलिंग तुरंत बंद कर दें।

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2. हफ्ते में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करें

एक दिन बिना रील्स और सोशल मीडिया बिताने की आदत डालें।।ये दिमाग को आराम देता है।

3. सोने से 2 घंटे पहले फोन से दूरी बनाएँ

रात में फोन का इस्तेमाल कम करें, इससे अनिद्रा और नींद की खराब गुणवत्ता से राहत मिलती है।

4. वॉक और ब्रीदिंग एक्सरसाइज शामिल करें

जब भी रील्स देखने का मन करे तो 10 मिनट वॉक करें, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, किसी हॉबी में समय लगाएं, यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

5. नोटिफिकेशन बंद करें

नोटिफिकेशन ऑफ कर दें ताकि बार-बार फोन चेक करने की आदत न बने।

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