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बिलासपुर में राजस्व रिकॉर्ड गायब होने पर HC सख्त: तहसीलदार, रीडर सहित इन पर FIR के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

बिलासपुर में राजस्व रिकॉर्ड गायब होने पर HC सख्त: तहसीलदार, रीडर सहित जमीन खरीददार पर FIR के आदेश, जानें मामला

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Manya Jain
Bilaspur Highcourt News

Bilaspur Highcourt News

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर में राजस्व रिकॉर्ड के गायब होने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. न्यायालय ने इसे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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ख़ासतौर से इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार, रीडर, और जमीन (revenue record missing case) के खरीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. पूरा मामला पौंसरा गांव की 2.15 एकड़ जमीन के नामांतरण से जुड़ा है, जिसमें दस्तावेज गायब हो गए थे.

कोर्ट ने दस्तावेजों के गायब होने को गंभीरता से लेते हुए इसे गड़बड़ी माना है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1850098621867561114

जानें क्या है पूरा मामला ?

बता दें यह मामला बिलासपुर के पौंसरा क्षेत्र की 2.15 एकड़ की जमीन की 2013-14 में हुई खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है. इस लेन-देन में विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी. हालांकि यह मामला बाद में शांत हो गया था.

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उस समय के अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव के हस्ताक्षर (revenue record missing case) से जमीन का नामांतरण आदेश भी जारी किए गए थे. मामले ने तूल तब पकड़ा जब पेखन लाल शेंडे नामक व्यक्ति ने जमीन से जुड़ी रजिस्ट्री और नामांतरण दस्तावेजों की प्रमाणित कॉपी प्राप्त करने के लिए 31 अगस्त 2024 को तहसील ऑफिस में आवेदन दिया था.

लेकिन तहसील ऑफिस के कई बार चक्कर लगाने के बाद भी पेखन लाल शेंडे को दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध नहीं हुई. जिसके बाद पेखन लाल शेंडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराने का आग्रह किया.

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कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश 

जमीन के रिकॉर्ड गायब होने की सूचना मिलने के बाद कोर्ट ने इस मामले (Bilaspur Highcourt News) को गंभीरता से लिया. कोर्ट ने पाया कि नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव के सिग्नेचर थे.

और इसे लेकर उन्होंने सिर्फ रीडर एनके पांडेय को दोषी ठहराने पर आपत्ति जताई. कोर्ट ने आदेश दिया कि रीडर एनके पांडेय के साथ-साथ अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव और जमीन के खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की जाए.

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Bilaspur Highcourt News revenue record missing case
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