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MP News: आदिवासी बाहुल्य गंधावल का झामर गांव में आजादी के बाद भी रोड, पेयजल और शिक्षा की कमी

MP News: जिले के पाटी विकास खंड एक आदिवासी बाहुल्य विकास खंड है,यहां पर आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं।

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Bansal news
MP News: आदिवासी बाहुल्य गंधावल का झामर गांव में आजादी के बाद भी रोड, पेयजल और शिक्षा की कमी

MP News: जिले के पाटी विकास खंड एक आदिवासी बाहुल्य विकास खंड है,यहां पर आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने से दूर-दूर अपनी जमीन के हिस्से में मकान बनाकर रहते हैं।

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पाटी विकासखण्ड को नीति आयोग द्वारा आकांक्षी विकास खण्ड में चयन किया गया है। यहां पर शासन की तमाम योजनाएं संचालित है,बावजूद कई ऐसे गांव है, जहां पर अभी भी लोग मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं।

ऐसा ही एक गांव(MP News) विकासखंड के ग्राम पंचायत गंधावल में आने वाला झामर गांव है। जनपद सदस्य कमलेश सस्ते ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य इस गांव की जनसंख्या करीब पंद्रह सौ है। वही नो सौ से अधिक मतदाता है।

यहां पर वर्षों पहले एक कच्चा मार्ग बना था जो कि कच्चा होकर पथरीला है। यहां पर सिर्फ दो पहिया वाहन ही पहुँच पाता है। साथ ही गांव में पेयजल के लिए एक ही हेंडपम्प उपलब्ध हैं, जो कि गर्मी में बंद हो जाता है।

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पीने के पानी से भी वंचित

मजबूरन गांव(MP News) वालों को पेयजल के लिए अन्य प्राकृतिक स्त्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणों कोगांव से 1 से 2 किमी की दूरी पहाड़ी झरना या झिरी से पानी लाना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि पहाड़ी झरने की ओर जाने वाली पगडंडी इतनी संकरी है कि दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

इस दौरान पानी बहुत दूषित भी रहता है लेकिन मजबूरी का आलम यह है कि उसी पानी से प्यास बुझाना पड़ता है। इसे पीकर लोग अक्सर बीमार भी पड़ जाते हैं। गाँव के भाईदास चौहान ने बताया कि उनके गांव जाने के लिए सड़क मार्ग नही जिसके चलते उन्हें पैदल ही सफर करना पड़ता है।

मरीजों को अस्पताल ले जाना हो या अपनी फसल बेचने जाना ग्रामीणों को कपड़े की झोली और अन्य साधनों से अपना सफर तय करना पड़ता है। पैदल सफर के दौरान कई तरह की दिक्कतें आती है ग्रामीण कहते हैं जंगल का रास्ता होने से जानवरों का भी डर बना रहता है।

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साथ ही रात में अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है ।

पानी के लिए करना पड़ता है संघर्ष

गांव(MP News) में पानी के लिए लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता है । अभी तो ठीक है गांव में विशेष कर गर्मियों में पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते यह लोग 2 से 3 किलोमीटर दूर पानी लेने जाते हैं वह भी किसी नाले से या झिरी से किसी डब्बे के माध्यम से पानी के बर्तन भरना पड़ता है।

यहां पानी की शुद्धता तो दूर की बात है लेकिन लोगों को पानी मिल जाता है यही बहुत है।

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जानवर तक होते हैं परेशान

कई बार ऐसा भी होता है कि खराब पानी पीने से लोग बीमार हो जाते हैं ।  गांव(MP News) की महिलाएं अपने सर पर पानी के बर्तन लेकर चलती रास्ता पहाड़ी का भी है और कच्चा भी कई घंटों में यह सफर पूरा होता है ।

वही गांव में जिन लोगों के पास गधे और खच्चर है लोग अपने जानवर के माध्यम से पानी लेकर आते हैं गांव के लोगों का कहना है कि अभी तो ठीक गर्मी में जानवर भी पानी के लिए परेशान होते हैं ।

मूलभूत सुविधाएं की है कमी

बड़वानी विधानसभा(MP News) के नवनिर्वाचित विधायक राजन मंडलोई का कहना है कि बड़वानी पहले शिक्षा का हब हुवा करता था । लेकिन अब वो बात नही है स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, पढ़ाई का स्तर गिर गया है, और सरकार विकास के दावे करती है,जब कि धरातल पर आज भी लोगों तक मूलभूत सुविधाएं नही पँहुच पाई है ।

पहली बार में विधायक बना हूं।  विधानसभा क्षेत्र के गांवों का लगातार दौरा कर रहा हूं । सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध नही है, जिसको लेकर में विधानसभा में मुद्दा उठाऊंगा।

मेरे क्षेत्र के लोगों के लिए में लड़ूंगा साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों(MP News) में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे ।

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