मुंबई। Adipurush Dialogue Change: फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग पर विवाद बढ़ता देख अब इन्हें बदला जाएगा। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म से जुड़े मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। बताया गया है कि फिल्म के इन डायलॉग के लिए इसी हफ्ते बदल दिया जाएगा।
दरअसल, फिल्म में प्रभु श्रीराम, माता जानकी, वीर हनुमान के साथ ही अन्य चरित्रों के मुंह से सुने गए डायलॉग्स (Adipurush Dialogue Change) से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। डायलॉग्स के साथ ही वीएफएक्स जैसे मुद्दों पर फिल्म को लोगों का खूब विरोध झेलना पड़ रहा है। फिल्म ट्रोल होने के बीच अब फिल्म के डायलॉग (Adipurush Dialogue Change) बदले जाने का निर्णय लिया गया है।
“आदिपुरुष” फिल्म की इन बातों का विरोध
-भगवान राम का किरदार निभा रहे प्रभास के चेहरे पर सौम्यता की कमी।
-सीता मां का पहनावा लोगों को पसंद नहीं आया।
-फिल्म में लक्ष्मण के किरदार में सनी सिंह फीके दिखे।
-फिल्म में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें अलग ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
-फिल्म आदिपुरुष (Adipurush Dialogue Change) में रावण ने पुष्पक विमान के स्थान पर चमगादड़ पर सीता हरण किया।
-आदिपुरुष फिल्म (Adipurush Dialogue Change) में रावण की लंका सोने की जगह काले रंग की दिखाई गई।
-रावण के दस सिरों के लिए भी अलग तरह से दिखाया गया।
-रामानन्द सागर के निर्देशन में बनी रामायण की अपेक्षा आदिपुरुष (Adipurush Dialogue Change) में भगवान श्री राम और रावण का युद्ध सही तरीके से नहीं दिखाया गया।
मनोज मुंतशिर का ट्वीट-
“रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं.
मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे.
वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया.
मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे.
शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों.
हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया.
क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना,
‘शिवोहम’ नहीं सुना,
‘राम सिया राम’ नहीं सुना?
आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियाँ भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं.
‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है.
मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे.
हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा.
हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे.
ये पोस्ट क्यों?
क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है.
मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी.
मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं,
हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएँगे.
श्री राम आप सब पर कृपा करें!”
रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि फिल्म “आदिपुरुष” को लेकर विरोध का सिलसिला लगातार जारी है। अब रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रेम सागर ने कहा है कि उन्होंने अब तक फिल्म तो नहीं देखी, लेकिन फिल्म का टीजर देखा है, जिसे देखकर लग रहा है कि ओम राउत ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म (Adipurush Dialogue Change) के जरिए मार्वल मूवी बनाने की कोशिश की है।
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