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आपकी राय-भोपाल का भविष्य: दुनिया में कैसे बढ़े भोपाल की पहचान, क्रेडाई भोपाल के सर्वे में भाग लेकर बताएं अपनी राय

CREDAI BHOPAL Important Survey: CREDAI BHOPAL एक महत्वपूर्ण सर्वे कर रहा है, इसका हिस्सा बनें और भोपाल की पहचान चुनें।

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Bansal news
आपकी राय-भोपाल का भविष्य: दुनिया में कैसे बढ़े भोपाल की पहचान, क्रेडाई भोपाल के सर्वे में भाग लेकर बताएं अपनी राय

CREDAI BHOPAL Important Survey: झीलों के शहर ( City Of Lakes) के नाम से मशहूर भोपाल शहर की अनूठी विरासत और आधुनिक विकास को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर के बड़े संगठन क्रेडाई भोपाल (CREDAI BHOPAL) ने एक नई पहल की है। क्रेडाई ने दुनियाभर में भोपाल की ऐतिहासिक और नैसर्गिक पहचान कायम करने के लिए “आपकी राय, भोपाल का भविष्य!” के टाइटल से ऑनलाइन सर्वे शुरू किया है। इस सर्वे का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कौन सी खूबियां भोपाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिला सकती हैं। यह सर्वे भोपाल वासियों को वोट के जरिए अपनी राय देने का मौका दे रहा है।

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सर्वे फार्म में 3 विकल्प :

1. स्टोन एज रॉक पेंटिंग: 30,000 BC की रहने लायक जगह।
2. राजा भोज सिटी प्लान: भोजपाल नगर की स्थापना 1010 AD.
3. सबसे बड़ा भूमि-बद्ध क्षेत्र: 500 किमी के दायरे में सबसे ज्यादा अर्बन फुटप्रिंट्स।

इस सर्वे के ऑर्गेनाइजर का मानना है कि जनता की राय ही तय करेगी कि भोपाल की वैश्विक पहचान किस दिशा में बढ़ेगी। सर्वे न सिर्फ इतिहास के बारे में है, बल्कि शहर के भविष्य को आकार देने के लिए भी है। क्रेडाई भोपाल के पदाधिकारियों ने भोपालवासियों से इस पोल में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी लेकर अपनी कीमती राय के माध्यम से भोपाल की पहचान मजबूत करने की अपील की गई है।

सर्वे को शहरवासियों से बहुत अच्छा फ़ीडबैक मिल रहा है, लेकिन आयोजकों का मानना ​​है कि इस अभियान को सार्थक अंजाम तक पहुंचाने के लिए भोपाल शहर के लोगों को बड़ी संख्या में जोड़ने की आवश्यकता है।

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सर्वे में भाग लेने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:

https://forms.gle/S74XsqcQGfmkJCud9

भोपाल को वैश्वक स्तर पर पहचान दिलाने के इस प्रयास में समाज के सभी वर्गों के लोगों से शामिल होने की अपील की जा रही है। क्रेडाई भोपाल का स्थानीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे न सिर्फ इस सर्वे में शामिल होकर वोट करें बल्कि इस सर्वेक्षण को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर भी करें ताकि भोपाल की आवाज़ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।

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भोपाल में है रामसर साइट

देश में कुल 42 रामसर साइट हैं। मध्य प्रदेश में सिर्फ भोजताल इस लिस्ट में शामिल है। अपनी जैबायोडायवर्सिटी के कारण, भोज वेटलैंड को 2002 में रामसर साइट का दर्जा प्राप्त हुआ। एक रिपोर्ट के अनुसार यदि यहां जलीय जीव-जंतुओं और पौधों आदि की गिनती की जाए तो उनकी संख्या 805 है। दरअसल रामसर एक अंतरराष्ट्रीय संधि है. 1971 में ईरान के रामसर शहर में आयोजित एक सम्मेलन में विभिन्न देशों ने दलदली भूमि के संरक्षण हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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रामसर साइट क्या है?

नमी या गीली मिट्टी वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड कहा जाता है। दरअसल, वेटलैंड ऐसे क्षेत्र हैं जहां ज्यादा मात्रा में नमी पाई जाती है और इसके कई फायदे भी हैं। वेटलैंड जल को प्रदूषण मुक्त बनाती हैं। वेटलैंड वह क्षेत्र है जो पूरे वर्ष आंशिक या पूर्ण रूप से पानी से ढका रहता है। रामसर साइट एक वेटलैंड या वेटलैंड क्षेत्र की सुरक्षा, संरक्षण और महत्व को उजागर करने के लिए एक प्रकार की अंतरराष्ट्रीय मान्यता है। इसे वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम ईरान के 'रामसर' शहर के नाम पर रखा गया है। जहां 1971 में वेटलैंड्स कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 1975 से अब तक 172 देशों ने इसे लागू करने का वादा किया है।

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