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Panchayat Grading Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायतों को फंड का वितरण न्यायपूर्ण होना चाहिए। इसलिए ये तय किया गया कि 3 ग्रेडिंग होंगी। A, B, C इसी हिसाब से विकास का फंड दिया जाएगा। इसलिए पंचायतों को ABC ग्रेडिंग में बांटकर कम विकसित, औसत और अधिक विकसित, उनकी वास्तविक जरूरत के अनुसार धन दिया जाएगा।
पिछड़ी पंचायतें होंगी विकसित
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जहां विकास कम है और रोजगार की ज्यादा आवश्यकता है, वहां ज्यादा संसाधन मिलें, इसमें आपत्ति किसे हो सकती है ?
क्यों पड़ी ग्रेडिंग बनाने की जरूरत
अगर किसी पंचायत का सरपंच ज्यादा एक्टिव है तो वो ज्यादा धन ले जाता है। किसी पंचायत का सरपंच कम एक्टिव है तो वहां ज्यादा विकास के काम और रोजगार की आवश्यकता होते हुए भी धन कम जा पाता है। इसलिए तय किया गया है ग्रेडिंग के आधार पर धन का वितरण हो।
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ग्रामीण विकास और रोजगार की कई योजनाएं आईं
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि ग्रामीण विकास और रोजगार के लिए कई योजनाएं आई हैं। 1961-62 से ऐसी योजनाएं आ रही हैं। एक योजना आई, कुछ दिन चली बदल गई। उसकी जगह दूसरी आई, तीसरी आई। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना, जवाहर रोजगार योजना। फिर मनरेगा आई। इसमें पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का नाम नहीं रखा तो क्या उनका अपमान हो गया।
रोजगार गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर की 125 दिन
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि G Ram G योजना में क्या है। विकसित भारत के लिए विकसित गांव ये मोदी जी का संकल्प है। पहले रोजगार के लिए पहले 100 दिन की गारंटी थी। इसे बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। इसके लिए पर्याप्त धनराशि प्रस्तावित है। 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ से ज्यादा की राशि। इसमें केंद्र का हिस्सा 95 हजार करोड़ से ज्यादा है।
NDA ने मनरेगा पर किया ज्यादा खर्च
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि कांग्रेस मनरेगा, मनरेगा करती है। कितना खर्च किया कांग्रेस ने मनरेगा पर। 2006-07 से 2013-14 से 2 लाख 13 हजार 220 करोड़ 39 लाख रुपये। मोदी जी के नेतृत्व में NDA सरकार ने 8 लाख 53 हजार 810 करोड़ 91 लाख रुपये खर्च किया। अब अगर एक कदम बढ़कर और एक योजना बनती है तो उसमें आपत्ति क्या है। हमने एक संपूर्ण योजना बनाई जिसमें विकसित गांव का स्वरूप तय होगा।
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उद्देश्य प्रकट कर रहा योजना का नाम
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल (VB G RAM G) का नाम योजना के उद्देश्यों को प्रकट कर रहा है। रोजगार और आजीविका। अब अगर उसका शॉर्ट फॉर्म G RAM G हो गया तो राम जी से इतनी चिढ़ क्यों है।
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