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Isro Satellite Launch : आज भारत के ‘बाहुबली’ रॉकेट LVM3 ने इतिहास रच दिया। इस रॉकेट ने अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile के आधुनिक कम्युनिकेशन सैटेलाइट BlueBird-6 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेज दिया। अब तक का यह भारत का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च है। BlueBird-6 का वजन लगभग 6100 किलोग्राम है। ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने बताया कि यह पहली बार है जब भारत के किसी लॉन्च व्हीकल ने इतना भारी सैटेलाइट उठाया है।
ISRO ने रचा इतिहास, श्रीहरिकोटा से ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की हुई सफल लॉन्चिंग#ISRO#LVM3M6#BlueBirdBlock2#CommercialSatellite#SpaceMission#IndianSpace#SatelliteLaunchpic.twitter.com/yiWK6rhjLE
— Bansal News Digital (@BansalNews_) December 24, 2025
‘बाहुबली’ ने रचा नया कीर्तिमान
Launch Day for #LVM3M6.
— ISRO (@isro) December 24, 2025
LVM3-M6 lifts off today at 08:55:30 IST with BlueBird Block-2 from SDSC SHAR.
Youtube Livestreaming link:https://t.co/FMYCs31L3j
🕗 08:25 IST onwards
For More information Visit:https://t.co/PBYwLU4Ogy
#LVM3M6#BlueBirdBlock2#ISRO#NSILpic.twitter.com/5q3RfttHZh
ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने मिशन की सफलता की पुष्टि की। उन्होंने ने कहा कि यह भारतीय लॉन्च व्हीकल द्वारा उठाया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है। इस ऐतिहासिक उड़ान के साथ LVM3 ने एक बार फिर अपनी विश्वसनीयता साबित कर दी।
क्यों कहलाता है LVM3 ‘बाहुबली’?
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जानकारी के अनुसार करीब यह 43.5 मीटर ऊंचा और लगभग 640 टन वजनी होने के साथ इस रॉकेट में ताकत, क्षमता और परफॉर्मेंस तीनों में बेजोड़ है। इतना ही नहीं यह GTO में 4200 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है, जबकि LEO में इसकी क्षमता और भी ज्यादा है। इसी दमदार क्षमता के कारण इसे ‘बाहुबली’ कहा जा रहा है।
सफलता का अटूट रिकॉर्ड
LVM3 अब तक 7 में से 7 मिशनों में सफल रहा है। इसी रॉकेट ने 2023 में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचाकर भारत का नाम इतिहास में दर्ज कराया था। मौजूदा लॉन्च LVM3 की यह 8वीं उड़ान और तीसरा कमर्शियल मिशन है।
BlueBird-6 को क्या बनाता है खास?
A significant stride in India’s space sector…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2025
The successful LVM3-M6 launch, placing the heaviest satellite ever launched from Indian soil, the spacecraft of USA, BlueBird Block-2, into its intended orbit, marks a proud milestone in India’s space journey.
It strengthens… pic.twitter.com/AH6aJAyOhi
BlueBird-6 को टेक्नोलॉजी की दुनिया में किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा। इसमें 2200 वर्ग मीटर का विशाल phased-array एंटीना, LEO में तैनात होने वाला अब तक का सबसे बड़ा एंटीना, पुराने वर्जन से 10 गुना ज्यादा डेटा क्षमता जैसी खूबियां शामिल हैं।
सीधे स्मार्टफोन से कनेक्टिविटी
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत इसकी Direct-to-Mobile तकनीक है। Starlink या OneWeb के उलट, BlueBird-6 सीधे सामान्य मोबाइल फोन से कनेक्ट हो सकता है। किसी खास डिश, टर्मिनल या ग्राउंड स्टेशन की जरूरत नहीं होगी। यानी मोबाइल नेटवर्क की परिभाषा ही बदलने वाली है।
भारत के लिए बड़ा कारोबारी मौका
यह मिशन ISRO के लिए मल्टी-बिलियन डॉलर स्पेस मार्केट में मजबूत कदम माना जा रहा है। भारत अब SpaceX, Arianespace और Roscosmos जैसे दिग्गजों की कतार में आत्मविश्वास के साथ खड़ा है।
क्यों है यह मिशन गेम-चेंजर?
इस तकनीक से दूर-दराज और नेटवर्क-विहीन इलाकों तक इंटरनेट पहुंचेगा। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन को नई ताकत मिलेगी। वहीं स्मार्टफोन सीधे अंतरिक्ष से जुड़ सकेंगे।
क्या कहा ISRO के चेयरमैन ने
मिशन की सफलता के बाद डॉ. वी. नारायणन ने कहा, मैं अत्यंत हर्ष के साथ बताता हूं कि LVM3 बाहुबली रॉकेट ने BlueBird सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया है। यह एक कमर्शियल लॉन्च है, जिसे हमने अपने अमेरिकी कस्टमर के लिए किया है।
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