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AI Danger Prediction: क्या AI कर देगा इंसानों का खात्मा? दिग्गज साइंटिस्ट की ‘महाविनाश’ वाली भविष्यवाणी ने बढ़ाई टैंशन

AI Danger Prediction: AI विशेषज्ञ रोमन याम्पोल्स्की ने दावा किया है कि अगले 100 सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जाति को खत्म कर सकता है। जानें पूरी रिपोर्ट, वैज्ञानिकों की राय और टेक लीडर्स की प्रतिक्रिया।

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anjali pandey
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AI Danger Prediction: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर दुनिया भर में चल रही बहस के बीच एक ऐसी भविष्यवाणी सामने आई है, जिसने सबको हैरान कर दिया है।  AI सेफ्टी और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रोमन याम्पोल्स्की (Computer Scientist Roman Yampolskiy) ने दावा किया है कि, अगले 100 सालों के अंदर एक शताब्दी के भीतर एआई इंसानों का अस्तित्व खत्म कर सकता है। उनकी इस भविष्यवाणी से चर्चा हो रही है जिसमें कुछ इसे वास्तविक खतरा मान रहे हैं, तो कुछ इसे पूरी तरह बकवास कह रहे हैं। 

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100 साल के भीतर मानव जाति खत्म?

AI danger

यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविले (यूएस) के प्रोफेसर और कम्प्यूटर साइंटिस्ट रोमन याम्पोल्स्की ने अपनी किताब AI: Unexplainable, Unpredictable, Uncontrollable' में लिखा है कि दुनिया में मौजूद कोई भी एआई सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। उनका कहना है कि एआई तेजी से इतना विकसित हो रहा है कि इंसान उसे भविष्य में कंट्रोल नहीं कर पाएंगे। एआई के फैसले इतने जटिल हो गए हैं कि
हम यह भी नहीं समझ पाएंगे कि वह क्या सोच रहा है। भविष्य में एआई संभवतः अपनी खुद की सोच और क्षमताएं विकसित कर लेगा, यानी वह इंसानों के आदेशों पर नहीं, अपनी मर्जी से काम करेगा। यह दावा सोशल मीडिया से लेकर टेक दुनिया तक सबकी नींद उड़ाने के लिए काफी है।

क्या एआई सच में ‘खुद की मर्जी’ से चलेगा?

नई रिसर्च के अनुसार, एआई की प्रगति का स्पीड इतना तेज है कि भविष्य में यह संभव है कि एआई खुद निर्णय लेगा, खुद सीखते हुए अपने लक्ष्य तय करेगा, इतना ही नहीं इंसानों की सीमाओं से बाहर जाकर ‘सुपर इंटेलिजेंस’ हासिल कर लेगा, याम्पोल्स्की कहते हैं 'जब मशीन इंसानों से ज्यादा समझदार हो जाएगी, तब उसे रोकना लगभग असंभव होगा।'

दुनिया बंटी दो खेमों में

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और जर्मनी की बॉन यूनिवर्सिटी की एक संयुक्त स्टडी ने हालांकि राहत भी दी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि AI से मानव जाति खत्म होने की संभावना सिर्फ 5% है। यानी खतरा संभावित है, लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं। बड़े टेक लीडर्स का कहना है कि ये सब बकवास है। टेक इंजीनियरिंग के बड़े नाम इस डरावनी भविष्यवाणी को ओवरहाइप बता रहे हैं।

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गूगल ब्रेन के को-फाउंडर एंड्र्यू एंग और फेसबुक-AI के प्रमुख यान लेकन ने कहा है कि ऐसे दावे बस दहशत फैलाने के लिए किए जाते हैं उनका मानना है कि AI के खतरे को जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। एआई इंसानों की जगह लेने या खात्मा करने के लिए नहीं बना है। सही नियम और सुरक्षा उपायों के साथ यह बेहद उपयोगी साबित होगा।  सैम ऑल्टमैन की विवादित भविष्यवाणी भी फिर चर्चा में है। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने 2015 में कहा था कि AI शायद दुनिया के अंत का कारण बन सकता है। उनके इस बयान की उस समय काफी आलोचना हुई। अब याम्पोल्स्की की भविष्यवाणी के बाद यह बयान एक बार फिर सुर्खियों में है।  

कौन सही कौन गलत?

सवाल बड़ा है और जवाब अभी किसी के पास नहीं है। क्या एआई सचमुच इतना शक्तिशाली हो जाएगा कि इंसानों को मात दे दे? या फिर वैज्ञानिकों की चेतावनियाँ सिर्फ सावधानी बरतने की सलाह हैं? फिलहाल, दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई है। एक इसे खतरा मान रही है, और दूसरी इसे मानव जाति का भविष्य। लेकिन इतना तय है कि AI जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से इसके जोखिम और जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं। 

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