रायपुर। Christian Society. 2024 के लोकसभा चुनाव में एक और समाज राजनीतिक दल के तौर पर उतरेगा। ईसाई समाज (Christian Society) ने सर्व आदि दल के नाम से अपने राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। आने वाले लोकसभा चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट से इस पार्टी (Christian Society) की सियासी पारी शुरू हो सकती है।
इस बार देंगे बेहतर परफॉर्मेंस
सर्व आदि दल पार्टी (Christian Society) के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक अब पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी। उन्होंने कहा कि- इस चुनाव के लिए हमारे पास पर्याप्त वक्त है और हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस देगी।
चुनावी मैदान में उतरा ईसाई समाज
प्रमुख राजनीतिक दलों से नाराजगी की कई वजह गिनवाते हुए अब ईसाई समाज (Christian Society) ने भी समर शंख फूंक दिया है। सर्व आदि दल छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि बस्तर और अकलतरा इलाके में पार्टी का परफॉर्मेंस बेहतर रहेगा, जिसके कारण प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Christian Society) पन्नालाल के मुताबिक 2018 के चुनाव में समाज का साथ कांग्रेस को मिला था, जिसकी बदौलत 68 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। इस बार समाज ने कांग्रेस से किनारा किया और नतीजा सबके सामने है। सर्व आदि दल के सवा लाख वोट शेयरिंग को भी पन्नालाल बड़ा आधार मान रहे हैं।
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बीजेपी ने किया स्वागत
दावों और संभावनाओं के बीच भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और राज्य सरकार में मंत्री केदार कश्यप कहते हैं कि वे चुनाव लड़ने के इच्छुक सभी लोगों का खुले दिल से स्वागत करते हैं। बीजेपी का व्यवहार कांग्रेस जैसा नहीं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सभी को यह हक है कि वे राजनीतिक नजरिए से कहीं से भी चुनाव लड़कर जनता की सेवा कर सकते हैं।
केदार के मुताबिक बीजेपी जनता तक विकास पहुंचाने को ही चुनौती मानती है, किसी और को नहीं।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया आरोप
वहीं कांग्रेस की मानें तो कोई भी समाज (Christian Society) चुनावी मैदान में कूद सकता है। हालांकि विस चुनाव के नतीजों ने समाज के लोगों को इशारा दिया है। ऐसा लग रहा है कि केंद्र के बड़े बीजेपी नेता जोड़-तोड़ कर रहे हैं और समाज विशेष (Christian Society) को प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि ईसाइयों (Christian Society) का वोट बंट जाए और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिले।
वहीं मसीह समाज (Christian Society) के बुध्दिजीवियों के मुताबिक कि मसीह समाज (Christian Society) इस बार इस तरह से एकतरफा वोट नहीं डालेंगे। राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है।
हाल ही में उठी थी डी-लिस्टिंग की मांग
छत्तीसगढ़ में ईसाई आदिवासियों (Christian Society) को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से बाहर करने की मांग हाल में हुए विधानसभा चुनाव में तेज हुई थी। दरअसल शैक्षणिक संस्थाओं या नौकरियों में उसी समुदाय को आरक्षण की सुविधा हासिल होती है जिनका नाम अनुसूचित जाति या जनजाति की लिस्ट में शामिल हो। उस वक्त बीजेपी और आरएसएस से जुड़े हिंदु संगठनों ने छत्तीसगढ़ में, बस्तर से लेकर सरगुजा तक डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर कई बड़ी रैलियां की थी। इसके जवाब में ईसाई संगठनों ने भी कुछ इलाकों में प्रदर्शन किया था।
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