Advertisment

47 साल बाद भतीजे को मिला चाचा का हक: 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने ली शपथ

CJI Justice Khanna Story Explained: जस्टिस संजीव खन्ना ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में सोमवार 11 नवंबर को शपथ ली। संजीव खन्ना को 47 साल बाद अपने चाचा का हक मिला है।

author-image
Ashi sharma
47 साल बाद भतीजे को मिला चाचा का हक: 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने ली शपथ

Chief Justice Sanjiv Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति खन्ना को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली। 1

Advertisment

4 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना छह महीने से कुछ अधिक समय तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे और 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह ली गई है। जस्टिस चंद्रचूड़ 65 साल पूरे करने के बाद रविवार को रिटायर हो गए।

11 नवंबर क्यों है खास

11 नवंबर 2024 का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत पसंद को महत्व देते हुए और संविधान का गला घोंटते हुए भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त न्यायाधीश संजीव खन्ना के चाचा व सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन वरिष्ठम न्यायाधीश हंसराज खन्ना को मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया था।

इंदिरा ने छीना था चाचा का हक

यह कहना गलत न होगा कि 1977 तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फौलादी रीढ़ वाले न्यायाधीश हंसराज खन्ना का जो हक छीना था, वह 47 वर्ष बाद उनके भतीजे को हांसिल हो रहा है। न्यायाधीश हंस राज खन्ना, जिन्होंने 1973 में मूल संरचना सिद्धांत का प्रतिपादन किया और 1976 में एडीएम जबलपुर बनाम शिव कांत शुक्ला मामले में एकमात्र असहमतिपूर्ण फैसला सुनाया, जिसे लोकप्रिय रूप से बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले के रूप में जाना जाता है और तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर एमएच बेग द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय में उनका स्थान लिया गया, जिसका विरोध करते हुए उन्होंने 1977 की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था।

Advertisment

यह भी पढ़ें- सूर्या-बॉबी की kanguva होगी साल की सबसे बड़ी फिल्म!

कौन हैं संजीव खन्ना

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में नियुक्त हुए थे। साल 2004 में, संजीव खन्ना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया था। वह दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के रूप में कई आपराधिक मामलों में उपस्थित हुए और बहस की। उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।

जस्टिस संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट किया गया था। उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। वह राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं।

संजीव खन्ना के पिता जस्टिस देवराज खन्ना 1985 में दिल्ली उच्च न्यायालय से न्यायाधीश के रूप में रिटायर्ड हुए। संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी लेक्चरर के रूप में कार्यरत थीं।

Advertisment

यह भी पढ़ें- Chief Justice Of India: जस्टिस संजीव खन्ना होंगे सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस, 10 नवंबर को संभालेंगे पदभार

judge president draupadi murmu Justice Sanjiv Khanna Justice Khanna Oath
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें