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छत्तीसगढ़ में साल की आखिरी कैबिनेट बैठक में कई फैसले: रायपुर में 23 जनवरी से कमिश्नरेट प्रणाली, राइस मिलर्स और तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई साल की अंतिम कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है। रायपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होगी

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Harsh Verma
Chhattisgarh Cabinet Meeting

Chhattisgarh Cabinet Meeting: छत्तीसगढ़ सरकार ने साल की आखिरी कैबिनेट बैठक में प्रदेश के प्रशासन, कृषि, उद्योग, पुलिस व्यवस्था और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। यह बैठक विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें आम जनता से लेकर उद्योग और किसानों तक को राहत देने वाले निर्णयों पर सहमति बनी।

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रायपुर में 23 जनवरी से लागू होगी कमिश्नरेट प्रणाली

कैबिनेट बैठक का सबसे बड़ा और अहम फैसला राजधानी रायपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने को लेकर लिया गया। मंत्रिपरिषद ने रायपुर महानगरीय पुलिस जिले में 23 जनवरी से कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के लागू होने से कानून-व्यवस्था, ट्रैफिक नियंत्रण और अपराधों पर नियंत्रण को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। प्रशासनिक स्तर पर इसे राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।

राइस मिलर्स को बैंक गारंटी में बड़ी राहत

कैबिनेट ने राइस मिलर्स को भी बड़ी राहत दी है। कस्टम मिलिंग के लिए धान उपार्जन और परिवहन से जुड़ी गतिविधियों में दी जाने वाली बैंक गारंटी पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को 0.25 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे प्रदेश के राइस मिलर्स पर आर्थिक बोझ कम होगा और मिलिंग कार्य को गति मिलने की उम्मीद है।

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तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा सीधा लाभ

सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को भी राहत देने का फैसला किया है। कैबिनेट ने वर्ष 2026 के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों से 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीदने हेतु ऋण लेने के लिए राज्य शासन की गारंटी देने की अनुमति दी है। इससे आदिवासी और वन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को स्थिरता मिलेगी।

कोदो, कुटकी और रागी को मिलेगा बढ़ावा

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को कोदो, कुटकी और रागी की खरीद, प्रसंस्करण और बिक्री के लिए कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही गैर-राष्ट्रीयकृत लघु वनोपज के क्रय, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन के लिए संघ को एक बार के लिए 30 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने की मंजूरी भी दी गई।

निगमों के ऋण चुकाने से घटेगा वित्तीय बोझ

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम से जुड़े ऋणों पर भी अहम फैसला लिया। राज्य शासन की गारंटी पर लिए गए ऋणों की पूरी अदायगी के लिए 55.69 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इससे हर साल लगभग 2.40 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान से छुटकारा मिलेगा और 229.91 करोड़ रुपये की लंबित गारंटी देनदारी भी समाप्त होगी।

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मिलरों को प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी

कैबिनेट ने उसना मिलिंग पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 20 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया। साथ ही प्रोत्साहन राशि की पात्रता के लिए न्यूनतम मिलिंग अवधि को 3 महीने से घटाकर 2 महीने कर दिया गया है। इससे छोटे और मध्यम मिलरों को सीधा फायदा मिलेगा।

औद्योगिक नीति और ऑटो एक्सपो को बढ़ावा

औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है, जिससे निवेश की गुणवत्ता बढ़ेगी और स्थायी रोजगार सृजन को बल मिलेगा। इसके अलावा रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में 20 जनवरी से 5 फरवरी तक आयोजित 9वें ऑटो एक्सपो के दौरान बिकने वाले वाहनों पर लाइफ टाइम रोड टैक्स में 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया गया है।

पुलिस मुख्यालय में नया पद सृजित

कैबिनेट ने पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर अटल नगर में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के एक नए पद को एक वर्ष के लिए सृजित करने की भी स्वीकृति दी है।

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कुल मिलाकर, साल की आखिरी कैबिनेट बैठक में लिए गए ये फैसले छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक विकास को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं।

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