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Mahasamund GeM Portal Scam: छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक बड़े वित्तीय अनियमितता के मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। महासमुंद जिले के शासकीय आदर्श महाविद्यालय, लोहारकोट में जेम पोर्टल के माध्यम से की गई 1.06 करोड़ रुपये की खरीद में गंभीर गड़बड़ी पाए जाने के बाद कड़ी कार्रवाई की गई है।
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जेम पोर्टल खरीद में नियमों की अनदेखी
उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी और क्रय समिति से जुड़े चार सहायक प्राध्यापकों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उच्च शिक्षा आयुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी ने अक्टूबर और नवंबर 2025 के बीच शासन की अनिवार्य अनुमति के बिना जेम (GeM – Government e-Marketplace) पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपये की सामग्री खरीदी। भंडार क्रय नियमों के अनुसार 50 हजार रुपये से अधिक की किसी भी खरीद के लिए निविदा (टेंडर) प्रक्रिया जरूरी होती है, लेकिन इसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।
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‘एल-वन’ मोड का गलत इस्तेमाल
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि प्राचार्य ने ‘एल-वन (L1)’ मोड का उपयोग करते हुए अपनी पसंदीदा फर्मों को फायदा पहुंचाया। जिन फर्मों से खरीद की गई—सागर इंडस्ट्रीज, सिंघानिया ग्रुप और ओशन इंटरप्राइजेस—उनके बारे में संदेह जताया गया है कि वे जांजगीर के एक ही परिवार से जुड़ी हो सकती हैं।
महज दो महीनों के भीतर इतनी बड़ी राशि की खरीद और तत्काल आपूर्ति मिलना, जांच समिति के अनुसार, आपसी मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
क्रय समिति गठन में भी गड़बड़ी
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्राचार्य ने क्रय समिति का गठन नियमों के विपरीत किया। समिति में कॉलेज के नियमित स्टाफ को शामिल करने के बजाय बाहरी सदस्यों को जोड़ा गया, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।
निलंबित अधिकारियों की सूची
इस मामले में निलंबित किए गए अधिकारियों में प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी के अलावा शासकीय कॉलेज पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापक—डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पत सिंह विशाल, पीठी सिंह ठाकुर और डॉ. एसएस दीवान शामिल हैं। निलंबन अवधि के दौरान इन सभी का मुख्यालय रायपुर स्थित क्षेत्रीय अपर संचालक कार्यालय निर्धारित किया गया है।
FIR और वसूली की सिफारिश
जांच समिति ने न केवल इन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की सिफारिश की है, बल्कि नियम विरुद्ध खर्च की गई राशि की वसूली का भी प्रस्ताव दिया है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।
मंत्री का सख्त संदेश
उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों की शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए दिए गए फंड का दुरुपयोग किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि राजिम और बिलासपुर के बाद महासमुंद में की गई यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों और संस्थानों के लिए कड़ा संदेश और चेतावनी है।
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