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Raigarh Elephant Attack: छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के बंगुरसिया धान खरीदी केंद्र पर बीती रात हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथी केंद्र में रखी 15 बोरी धान खा गए और अन्य बोरियों को फैलाकर बर्बाद कर गए।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) December 18, 2025
रात के अंधेरे में धान खरीदी केंद्र में घुसे
जानकारी के अनुसार, देर रात हाथियों का एक समूह धान खरीदी केंद्र के परिसर में आ गया। खुले में रखे धान को देखकर हाथी अंदर चले गए और बोरियों को उठाकर धान खाने लगे। हाथियों की उपस्थिति से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। अच्छी बात यह रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई।
हाथियों के उत्पात का वीडियो वायरल
पूरी घटना धान खरीदी केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई, वहीं कुछ ग्रामीणों ने मोबाइल से भी हाथियों के उत्पात का वीडियो रिकॉर्ड किया। ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं, जिनमें दिखाई दे रहा है कि हाथी बेखौफ होकर धान की बोरियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खरीदी के साथ ही हाथियों की आवाजाही बढ़ी
ग्रामीणों का कहना है कि धान खरीदी शुरू होने के बाद से ही क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही बढ़ गई है। केंद्र के आसपास वन क्षेत्र होने के कारण हाथी आसानी से यहां तक पहुंच जाते हैं। रात के समय में हाथियों के आने से किसानों और कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है, जिससे कई लोग रात में केंद्र की ओर जाने से भी कतरा रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
धान खरीदी केंद्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने से किसानों और कर्मचारियों में नाराजगी है। न तो केंद्र के चारों ओर पर्याप्त बाड़ है और न ही हाथियों को रोकने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था। खुले में रखे धान की वजह से हाथी वहां मौका पाकर पहुंच जाते हैं।
किसानों ने की सुरक्षा उपायों की मांग
ग्रामीणों और किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मांग है कि धान खरीदी केंद्र के चारों ओर बिजली की बाड़, रात के समय गार्ड की तैनाती, हाथियों की निगरानी के लिए वन अमले की नियमित गश्त और धान के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था जल्द की जाए।
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ग्रामीणों को बड़े हादस की आशंका
ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में न केवल धान का नुकसान बढ़ेगा, बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
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