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National Herald Case Congress protest: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में दर्ज नई FIR का विरोध उग्र रूप लेता दिखा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED कार्यालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
बड़ी संख्या में नेता, कार्यकर्ता और महिला कांग्रेस की पदाधिकारी काले कपड़े पहनकर और पुतला फूंककर विरोध जताया। प्रदर्शन के मद्देनजर वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जबकि प्रशासन हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है।
सोनिया और राहुल गांधी पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप
दरअसल, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 30 नवंबर 2025 को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नई FIR दर्ज की। FIR संख्या 0124/2025 में आपराधिक साजिश (criminal conspiracy), धोखाधड़ी (fraud) और विश्वासघात (breach of trust) जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। इस केस में कुल नौ आरोपी बनाए गए हैं- छह व्यक्ति और तीन कंपनियां।
अधिकारी बताते हैं कि यह FIR, ईडी द्वारा 3 अक्टूबर 2025 को दाखिल शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसमें PMLA की धारा 66(2) के तहत अनुसूचित अपराध दर्ज करने का अनुरोध किया गया था।
AJL की संपत्तियों पर धोखे से कब्जे की साजिश का आरोप
ईडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर सिर्फ 50 लाख रुपये में कब्जे की साजिश रची गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यंग इंडियन को “स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV)” की तरह इस्तेमाल किया गया, जिसके जरिए सार्वजनिक संपत्ति को निजी लाभ में बदला गया।
एक अन्य आरोप यह है कि कोलकाता की कथित शेल कंपनी डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये का संदिग्ध भुगतान किया था।
कोर्ट में लंबित है ED की मुख्य आरोप-पत्र पर संज्ञान का फैसला
ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 3 और 4 के तहत अभियोजन शिकायत दायर की थी। अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान लेने का फैसला सुरक्षित रखा है। नई FIR में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और सुनील भंडारी के नाम शामिल हैं। वहीं, यंग इंडियन, डॉटेक्स मर्चेंडाइज और AJL के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड अख़बार 1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। इसका संचालन AJL के पास था।
समस्या तब बढ़ी जब AJL पर एआईसीसी का 90.21 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण बाकी रह गया।
2010 में गठित यंग इंडियन ने यह ऋण मात्र 50 लाख रुपये में खरीद लिया, जिससे उसकी संपत्तियों का नियंत्रण यंग इंडियन और उसके निदेशकों- सोनिया और राहुल गांधी (76% हिस्सेदारी) के पास चला (National Herald case explained) गया। 2012 में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अदालत में शिकायत दर्ज कर इस लेनदेन को धोखाधड़ी बताया था। तब से यह मामला लगातार राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है।
रायपुर सहित कई शहरों में विरोध
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष को निशाना बना रही है (central agencies misuse debate)। वहीं, ईडी और EOW का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह सबूतों और वित्तीय दस्तावेजों पर आधारित है।
रायपुर में जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह “लोकतंत्र बचाने की लड़ाई” है, जबकि केंद्र सरकार का रुख है कि “कानून सबके लिए समान है”।
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