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CG Teachers News
CG Teachers News: लंबे समय से गैर-शिक्षकीय कार्यों (Non-Teaching Work) में उलझे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आखिरकार बड़ी राहत मिलने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला किया है कि अब शिक्षकों से पशु गणना, धान खरीदी, सर्वेक्षण, आयुष्मान कार्ड या खेतों की फोटो भेजने जैसे 20 से अधिक अतिरिक्त कार्य नहीं कराए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को भेज दिया है। आदेश किसी भी दिन जारी हो सकता है।
स्कूलों में पढ़ाई से ज्यादा ‘फील्ड वर्क’
पिछले कई वर्षों से जिला प्रशासन की मांग पर शिक्षकों को ऐसे कार्यों में लगाया जा रहा था जिनका शिक्षण से कोई संबंध नहीं है। कई जिलों में शिक्षक पशु गणना करते दिखे, तो कहीं धान मंडियों में तैनाती कर दी गई। कवर्धा में शिक्षकों को खेतों में जाकर फसल की गूगल मैप फोटो भेजने तक की ड्यूटी दी गई।
शिक्षकों के अनुसार- इन कार्यों के कारण कक्षाओं में पढ़ाई का समय लगातार प्रभावित होता था, जिसका नुकसान सीधे बच्चों को होता है। यह मुद्दा लंबे समय से शिक्षक संगठनों द्वारा उठाया जा रहा था, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा।
शिक्षा मंत्री के निर्देश: 'शिक्षक पढ़ाएंगे, सरकारी काम नहीं संभालेंगे”'
शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने स्पष्ट किया था कि शिक्षकों का प्राथमिक काम शिक्षा है, न कि राजस्व, स्वास्थ्य या कृषि विभाग के फील्ड टास्क। इसी आधार पर विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सिर्फ चुनाव और निर्वाचन कार्य अनिवार्य रहेंगे, क्योंकि यह संवैधानिक जिम्मेदारी है।
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कौन-कौन से कार्यों से मिलेगी राहत?
वर्तमान में शिक्षकों से ये प्रमुख गैर-शिक्षकीय कार्य कराए जा रहे थे -
- बलरामपुर में रोजगार गारंटी योजना में
- कवर्धा में खेतों की फोटो खींचने की ड्यूटी
- रायपुर में पेड़ लगाकर फोटो खींचकर भेजने की ड्यूटी
- कुत्ते की जानकारी, पालतू है या आवारा
- ओबीसी सर्वेक्षण
- राशन कार्ड का फार्म भरने की ड्यूटी
- बस्तर में तेंदूपत्ता खरीदी में ड्यूटी
- ओडीएफ योजना में शीट वाले शौचालय की गिनती
- पशु गणना में गाय, भैंस, बकरी गिनने की ड्यूटी
- धान खरीदी के दौरान मंडी में ड्यूटी
- आयुष्मान कार्ड का फार्म भरने की ड्यूटी
- किताबों की स्कैनिंग कर जानकारी भेजना
- समस्या निवारण शिविर में उपस्थिति
- महतारी वंदन योजना ड्यूटी
- मतदाता जागरुकता अभियान
- ग्राम सभा व अन्य सभा में ड्यूटी
- आपदा प्रबंध समिति में ड्यूटी
- सिकलसेल अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सर्वे आदि शामिल है।
इन सभी से अब शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।
जिला प्रशासन अक्सर बिना सूचना लगाए देता था ड्यूटी
सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कई जिलों में प्रशासन शिक्षकों को विरोध करने का मौका भी नहीं देता था। बिना शिक्षा विभाग को जानकारी दिए ही आदेश जारी कर दिया जाता था। कई बार विभाग को बाद में पता चलता था कि शिक्षकों को कहीं और तैनात कर दिया गया है। इस नए प्रस्ताव के लागू होने के बाद ऐसा संभव नहीं होगा।
बच्चों की पढ़ाई को मिलेगी गति
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम स्कूलों में पाठ्यक्रम पूर्णता (Syllabus Completion) और शिक्षण गुणवत्ता (Learning Outcome) को सुधारने में बड़ा बदलाव लाएगा। चौथी से आठवीं तक की कक्षाओं में खासकर सीखने का अंतर (Learning Gap) लगातार बढ़ रहा था, जिसे कम करना अब संभव हो सकेगा।
शिक्षक संगठनों ने निर्णय का स्वागत किया
छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ, संयुक्त शिक्षक संघ और अन्य संगठनों ने निर्णय को “ऐतिहासिक” और “शिक्षा के हित में अत्यंत आवश्यक” बताया है। उनका कहना है कि यह फैसला बच्चों के भविष्य (Student Future) को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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