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CG Student Suicide: छत्तीसगढ़ में छात्र-छात्राओं के मानसिक तनाव से जुड़ी एक बार फिर गंभीर तस्वीर सामने आई है। रायगढ़ और बस्तर जिलों में दो छात्राओं ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों ही मामले पढ़ाई से जुड़े तनाव और मानसिक दबाव की ओर इशारा करते हैं। इन घटनाओं ने न सिर्फ परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और छात्रों की मानसिक स्थिति को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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पहला मामला- रायगढ़ में जिंदल यूनिवर्सिटी की छात्रा ने दी जान
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पहला मामला रायगढ़ जिले के पूंजीपथरा थाना क्षेत्र का है। झारखंड के जमशेदपुर (टाटा) की रहने वाली प्रिंसी कुमारी (20) जिंदल यूनिवर्सिटी में हॉस्टल में रहकर बी-टेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। शनिवार की रात करीब साढ़े आठ बजे परिजनों ने उससे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।
लगातार फोन नहीं उठाने पर परिजन घबरा गए और हॉस्टल वार्डन को सूचना दी। जब वार्डन छात्रा के कमरे तक पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला।
खिड़की से झांकने पर दिखी फांसी पर लटकी छात्रा
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वार्डन ने खिड़की से अंदर झांककर देखा, जहां प्रिंसी कुमारी फांसी पर लटकी हुई दिखी। यह देख वार्डन और अन्य छात्राएं घबरा गईं। तुरंत पूंजीपथरा पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे की जांच की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और परिजनों को सूचना दी गई।
सुसाइड नोट में छलका दर्द
पुलिस को छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में प्रिंसी ने लिखा, “सॉरी मम्मी-पापा, मैं आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। मैंने बहुत सारा पैसा खर्च कर दिया है। आपकी सेविंग भी खत्म हो रही है। मैं पढ़ाई में अच्छी नहीं हूं। आप लोगों का नाम खराब कर रही हूं।”
परिजनों के मुताबिक, प्रिंसी ने कुछ महीनों में सेमेस्टर फीस और अन्य खर्चों के नाम पर 50 हजार, 35 हजार और फिर 15 हजार रुपये मांगे थे, जो उन्हें दे भी दिए गए थे।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेकर झारखंड रवाना हुए परिजन
पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजन छात्रा की डेडबॉडी लेकर झारखंड के जमशेदपुर रवाना हो गए हैं। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
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दूसरा मामला- बस्तर में 12वीं की छात्रा ने तनाव में लगाई फांसी
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दूसरा मामला बस्तर जिले के परपा थाना क्षेत्र का है। यहां घाटपदमुर भाटीगुड़ा की रहने वाली साधना पटेल (18) ने आत्महत्या कर ली। वह 12वीं साइंस की छात्रा थी और हाल ही में उसकी अर्धवार्षिक परीक्षाएं खत्म हुई थीं।
परिजनों के अनुसार, कुछ विषयों के पेपर ठीक नहीं जाने से वह काफी तनाव में थी। 17 दिसंबर को परीक्षा खत्म होने के बाद से वह लगातार परेशान थी। 20 दिसंबर को जब परिवार के लोग घर पर नहीं थे, तब साधना ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
परिवार के घर लौटने पर साधना को फंदे से लटका देखा गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और जांच शुरू कर दी गई।
मानसिक स्वास्थ्य पर फिर उठे सवाल
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, पढ़ाई के दबाव और पारिवारिक अपेक्षाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और युवाओं के साथ संवाद बढ़ाने और उन्हें मानसिक सहारा देने की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है।
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