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हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ में पटवारी से RI बनने वाली परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप
- ACB-EOW ने बड़ी कार्रवाई की
- रायपुर के दो सहायक सांख्यिकी अधिकारियों को गिरफ्तार किया
CG RI Exam Scam: छत्तीसगढ़ में पटवारी से राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector – RI) बनने वाली परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों ने एक बार फिर प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है। दो दिन पहले ACB-EOW की संयुक्त टीम ने प्रदेश में बड़े स्तर पर छापेमारी की थी। अब इस मामले में कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए रायपुर से दो महत्वपूर्ण अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय रायपुर के सहायक सांख्यिकी अधिकारी (Assistant Statistical Officer) वीरेंद्र जाटव और उप आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय रायपुर के सहायक सांख्यिकी अधिकारी हेमंत कौशिक शामिल हैं। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मोटी रकम लेकर परीक्षा का पेपर लीक किया और कुछ अभ्यर्थियों को तैयारी कराकर फायदा पहुंचाया।
19 ठिकानों पर छापेमारी, 7 जिलों में एक साथ दबिश
ACB-EOW की टीम ने 19 नवंबर की तड़के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, अंबिकापुर, महासमुंद और जगदलपुर में एक साथ 19 ठिकानों पर दबिश दी थी। कार्रवाई अनियमित चयन, संदिग्ध संपत्ति और अवैध लेन-देन की शिकायतों के आधार पर की गई थी।
छापे के दौरान अधिकारियों के आवास, दफ्तर, निजी ठिकानों और पैतृक संपत्तियों की बारीकी से तलाशी ली गई। इस दौरान टीम के हाथ कई अहम दस्तावेज लगे हैं जिनमें डिजिटल सबूत, लेन-देन से जुड़े एग्रीमेंट, बैंक रिकॉर्ड, प्रॉपर्टी पेपर और संदिग्ध ट्रांजैक्शन (Suspicious Transactions) से जुड़े डेटा शामिल हैं।
जांच अधिकारियों ने बताया कि इन दस्तावेजों की जांच जारी है और कुछ रिकॉर्ड ऐसे भी मिले हैं जो परीक्षा में सिस्टमेटिक गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं।
पेपर लीक और लाभ पहुंचाने के पर्याप्त सबूत मिले
EOW-ACB की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत (Sufficient Evidence) मिले हैं। आरोप है कि उन्होंने न केवल खुद को, बल्कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी की।
2024 में आयोजित पटवारी से RI प्रमोशन परीक्षा (Patwari to RI Promotion Exam) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि परीक्षा से पहले ही उत्तर कुंजी और प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। इसी के बाद सरकार ने मामले की जांच ACB-EOW को सौंप दी थी।
कौन-कौन आए जांच के दायरे में?
जांच एजेंसी ने बताया कि जिन घरों पर तलाशी हुई, उनमें
परीक्षा संचालन समिति से जुड़े अधिकारी,
प्रश्नपत्र छपाई और वितरण से जुड़े कर्मचारी और प्रमोशन के लिए लाइजनिंग करने वाले राजस्व अधिकारी शामिल थे।
घोटाले के बड़े नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका
इससे पता चलता है कि घोटाला केवल एक-दो व्यक्तियों तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क के रूप में संचालित होने की आशंका है।
एजेंसी को संदेह है कि प्रमोशन पाने के लिए फर्जी अंक, बाहरी दबाव और आर्थिक लेन-देन जैसी गड़बड़ियां हुई हैं।
जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी होने की संभावना है।
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