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CG Naxalites Surrender: बस्तर में नक्सली कमांडर बारसे देवा के सरेंडर की अटकलों पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पीएलजीए बटालियन नंबर एक के कमांडर के समर्पण की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने नक्सल नेताओं से अपील करते हुए कहा कि तेजी से बदल रही परिस्थितियों में हिंसा और संघर्ष से कोई फायदा नहीं
सीसी मेंबर सतीश उर्फ रूपेश और डीकेएसजेडसी रणिता, राजमन मंडावी, राजू सलाम, वेंकटेश और श्याम दादा को मुख्य धारा में लौटने की सलाह दी। साथ ही बताया कि 2 महीनों में 570 से ज्यादा माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख चेहरा रहा है बारसे
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बारसे देवा छत्तीसगढ़ की सबसे घातक मिलिट्री इकाई PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख चेहरा रहा है। उसकी अगुवाई में नक्सलियों ने बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में कई खूनी वारदातों को अंजाम दिया था।
सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर 50 लाख रुपये का इनाम रखा है। सूत्रों के अनुसार, माडवी हिडमा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद बारसे देवा को मिलिट्री कमीशन हेड बनाया गया था। लेकिन हिडमा की मौत के बाद से ही वह लगातार छिपा हुआ और मानसिक दबाव में था।
कुख्यात नक्सली माडवी हिडमा भी एनकाउंटर में मारा गया
18 नवंबर को नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी सदस्य और देश का सबसे कुख्यात नक्सली माडवी हिडमा आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामा राजू जिले में एनकाउंटर में मारा गया था। हिडमा सालों तक बस्तर में निर्दोष ग्रामीणों, आदिवासियों और सुरक्षा बलों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार रहा। वही हिडमा नक्सल संगठन का सबसे बड़ा रणनीतिकार माना जाता था।
हिडमा के समाप्त होने के बाद संगठन में टूट और भय का माहौल
हिडमा के समाप्त होने के बाद संगठन में टूट और भय का माहौल बढ़ रहा है। राज्य की पुनर्वास नीति (Rehabilitation Policy) और लगातार चलाए जा रहे अभियान के चलते कई नक्सली हिंसा की राह छोड़ने लगे हैं।
अगर बारसे देवा सरेंडर करता है तो PLGA बटालियन नंबर 1 को सबसे बड़ा झटका लगेगा और बस्तर में नक्सली नेटवर्क काफी कमजोर होगा। सुरक्षा बलों की हालिया कार्रवाइयों ने नक्सलियों की जड़ें हिलाकर रख दी हैं। बारसे देवा के सरेंडर की खबर ने बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान को नई दिशा दे दी है।
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