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CG News: कोंडागांव जिले में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान गंभीर लापरवाही और खराब गुणवत्ता उजागर हुई है। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की मासिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर कोंडागांव के निर्देश के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने सख्त फैसला लिया है। विभाग ने तुरंत प्रभाव से 19 ठेकेदारों के 37 कार्य रद्द कर दिए हैं।
इन कार्यों की कुल लागत लगभग 31.17 करोड़ रुपये है। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि जिले में ग्रामीणों के लिए पेयजल आपूर्ति और जल संरचना का निर्माण लंबे समय से एक चुनौती रहा है।
कई ठेकेदारों ने काम की शुरुआत तक नहीं की
PHE विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि कई ठेकेदारों ने काम की शुरुआत तक नहीं की और कई जगहों पर जल आपूर्ति, बोर खनन और पानी टंकी निर्माण में अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई गई। कुछ प्रोजेक्टों में तो की गई निर्माण गुणवत्ता को बेहद घटिया पाया गया। विभाग के अनुसार यह लापरवाही सीधे जनहित से जुड़ी है और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कार्रवाई के दौरान ठेकेदारों की लगभग 23.38 लाख रुपये की अमानत राशि जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सुरक्षा निधि भी राजसात की जाएगी। इसके अलावा इन सभी ठेकेदारों पर आगामी सरकारी निविदाओं में भाग लेने पर प्रतिबंध (Blacklist) लगाया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कदम संदेश देने के लिए भी है कि सरकार जनहित से खिलवाड़ पर कोई समझौता नहीं करेगी।
रद्द किए गए ठेके इन फर्मों के
मेसर्स अदिती इन्फ्राबिल्ड (Aditi Infrabuild), शैलेन्द्र सिंह भदौरिया (Shailendra Singh Bhadoria), श्रीग कंस्ट्रक्शन, किसान बोरवेल्स (Kisan Borewells), KGN कंस्ट्रक्शन (KGN Construction), आकार कंस्ट्रक्शन (Akar Construction), आधार कंस्ट्रक्शन (Aadhar Construction), कृतिशा इनकॉरपोरेशन, G.R.D बिल्डकॉन, एम.डी. सर्विसेज, ब्रम्हेश कंस्ट्रक्शन, शुभम कंस्ट्रक्शन, बसंत कुमार साहू, वियाना इंफ्रा टेलीकॉम (Viyana Infra Telecom), भारत इंफ्रा (Bharat Infra), गोयल एजेंसी (Goyal Agency) सहित कई अन्य कंपनियां।
कलेक्टर के इस निर्देश के बाद जिले में आम लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, क्योंकि लंबे समय से जल आपूर्ति और पानी की समस्या ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय रही है। विभाग का दावा है कि अब नए ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया से तय किया जाएगा और बेहतर निगरानी की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
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