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छत्तीसगढ़ के कांकेर में धर्मांतरण विवाद ने लिया हिंसक रूप: शव दफन को लेकर भड़की भीड़, चर्च और सरपंच के घर में तोड़फोड़, एडिशनल एसपी घायल

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के बड़े तेवड़ा गांव में धर्मांतरित व्यक्ति के शव दफन को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। विरोध के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसमें आक्रोशित भीड़ ने चर्च में तोड़फोड़ कर आगजनी की और सरपंच के घर को भी निशाना बनाया।

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Harsh Verma
Kanker Conversion Dispute

Kanker Conversion Dispute: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला (Kanker District) स्थित बड़े तेवड़ा गांव (Bade Tewda Village) में धर्मांतरण से जुड़ा एक मामला अब गंभीर कानून-व्यवस्था की चुनौती बन गया है। गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमराराम सलाम की रविवार को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद सरपंच ने अपने पिता का अंतिम संस्कार ईसाई रीति से गांव में ही कफन-दफन कर दिया।

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जैसे ही यह जानकारी गांव के अन्य ग्रामीणों को मिली, उन्होंने शव दफन पर आपत्ति जताते हुए विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि धर्मांतरित व्यक्ति का शव गांव में दफन नहीं किया जा सकता।

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पुलिस-प्रशासन की समझाइश भी बेअसर

सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने की कोशिश की गई, लेकिन देर शाम तक कोई समाधान नहीं निकल सका। इसके बाद ग्रामीण अस्थायी रूप से अपने घर लौट गए, हालांकि अंदर ही अंदर आक्रोश बना रहा।

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बुधवार को बढ़ा तनाव, झूमाझटकी में घायल हुए लोग

बुधवार को विवाद ने फिर तूल पकड़ लिया। ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालकर दूसरे स्थान पर अंतिम संस्कार की मांग पर अड़ गए। पुलिस की मौजूदगी में शव निकालने की कोशिश हुई, लेकिन इसे रोक दिया गया। इस दौरान दोनों पक्षों में झूमाझटकी हुई, जिसमें कुछ ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। हालात को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

गुरुवार को भड़की हिंसा, चर्च में आगजनी

गुरुवार को हालात पूरी तरह बिगड़ गए। आक्रोशित भीड़ ने लाठी-डंडों के साथ प्रदर्शन करते हुए गांव के चर्च में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इतना ही नहीं, सरपंच के घर में भी तोड़फोड़ की गई। पुलिस जब स्थिति संभालने पहुंची तो ग्रामीणों से तीखी झड़प हो गई।

इस झड़प में अंतागढ़ एडिशनल एसपी आशीष बंसोड़ (Antagarh Additional SP Ashish Bansod) गंभीर रूप से घायल हो गए। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को लाठीचार्ज (Lathi Charge) करना पड़ा।

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शव कब्र से निकाला गया, लेकिन तनाव बरकरार

भारी विरोध और हिंसा के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए शव को कब्र से निकालकर गांव से बाहर भेज दिया। इसके बावजूद स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है। हजारों ग्रामीण अब भी गांव में डटे हुए हैं और आदिवासी समाज दो गुटों में बंटा नजर आ रहा है।

एक ओर वे ग्रामीण हैं जो धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईसाई समुदाय का परिवार है, जो शव निकालने का विरोध कर रहा था। इस टकराव ने पूरे इलाके को संवेदनशील बना दिया है।

भारी पुलिस बल तैनात, हालात पर कड़ी नजर

फिलहाल गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

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