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छत्तीसगढ़ के इस जिले में 3 दिन ठप रहेगा सरकारी कामकाज: 29, 30 और 31 दिसंबर को रहेगी हड़ताल, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में आंदोलन

छत्तीसगढ़ के सरकारी अफसरों और कर्मचारियों ने मोदी की गारंटी के तहत केंद्र के समान महंगाई भत्ता और 2019 से बकाया डीए एरियर्स समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है।

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Harsh Verma
PROTEST

File Photo

Jagdalpur Employee Strike: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फेडरेशन ने प्रदेश के अफसरों और कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर तीसरे चरण के आंदोलन का ऐलान किया है। इस आंदोलन के तहत 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिनों के लिए प्रदेशभर में सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप करने का निर्णय लिया गया है। फेडरेशन का कहना है कि लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की जा रही है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

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मोदी की गारंटी का हवाला

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी मांगों को लेकर मोदी की गारंटी का हवाला दिया है। फेडरेशन का कहना है कि केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA) प्रदेश के कर्मचारियों को भी दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही वर्ष 2019 से बकाया महंगाई भत्ता की एरियर्स राशि को जीपीएफ खाते में समायोजित करने की मांग भी प्रमुख रूप से उठाई गई है।

इन मांगों के अलावा पदोन्नति, समयमान वेतनमान और अन्य कर्मचारी हितों से जुड़े कुल 11 सूत्रीय मांगें शामिल हैं।

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तीन दिन पूरी तरह बंद रहेगा सरकारी कामकाज

फेडरेशन के ऐलान के मुताबिक 29, 30 और 31 दिसंबर को अफसर और कर्मचारी सामूहिक रूप से हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहेगा। आम जनता से जुड़े कई जरूरी काम भी ठप पड़ सकते हैं। फेडरेशन ने साफ किया है कि जब तक मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, आंदोलन को और तेज किया जा सकता है।

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