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दुर्ग में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के बीच टेंट विवाद: 1.15 करोड़ की डील पर 25–30 लाख भुगतान, पंडाल उखाड़ने की कोशिश से मचा हड़कंप

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान आयोजन समिति और टेंट हाउस संचालक के बीच भुगतान को लेकर विवाद सामने आया है।

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Harsh Verma
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में इन दिनों प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है। 17 से 21 दिसंबर तक चलने वाली इस कथा में रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसी बीच आयोजन स्थल पर टेंट और डोम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

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जानकारी के अनुसार, आयोजन समिति और नगपुरा स्थित कर्मा टेंट हाउस के बीच पंडाल, टेंट और डोम लगाने को लेकर करीब 1.15 करोड़ रुपए में बातचीत हुई थी। आरोप है कि अब तक टेंट हाउस संचालक को केवल 25 से 30 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव लगातार बना हुआ था।

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टेंट उखाड़ने की कोशिश से बढ़ी चिंता

शुक्रवार रात और फिर शनिवार सुबह भुगतान को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि टेंट हाउस संचालक अपने कर्मचारियों के साथ पंडाल उखाड़ने मौके पर पहुंच गया। इस दौरान यह आशंका जताई गई कि अगर कथा के बीच टेंट हटाया गया तो भगदड़ जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है।

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मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी पद्मश्री और हेम प्रकाश नायक ने साफ शब्दों में कहा कि कथा शुरू होने के बाद किसी भी हाल में टेंट या डोम नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाइश दी और स्थिति को शांत कराया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल टेंट नहीं हटाया गया और कथा का आयोजन जारी रहा।

टेंट संचालक का पक्ष

कर्मा टेंट हाउस के संचालक नरेंद्र कुमार साहू ने बताया कि सवा करोड़ रुपए में काम तय हुआ था, लेकिन आयोजन समिति रोजाना सिर्फ 2 से 3 लाख रुपए ही दे रही है। उन्होंने कहा कि भुगतान में देरी के कारण ट्रांसपोर्ट और मजदूरी का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा था। इसी मजबूरी में उन्होंने टेंट को करीब 15 प्रतिशत छोटा किया।

नरेंद्र साहू ने यह भी कहा कि अब समिति से बातचीत हो गई है और विवाद सुलझ गया है। शेष भुगतान शाम 4 से 5 बजे तक देने की बात कही गई है।

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आयोजन समिति ने बताया मामूली विवाद

आयोजन समिति की सदस्य प्रिया साहू ने विवाद को ज्यादा तूल न देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजनों में व्यवस्थाओं को लेकर छोटी-मोटी बातें हो जाती हैं। पंडाल उखाड़ने जैसी कोई गंभीर स्थिति नहीं है और कथा पूरी श्रद्धा और व्यवस्था के साथ चल रही है।

आयोजन समिति के पदाधिकारी और नगपुरा के पूर्व सरपंच भूपेंद्र रिगरी ने भी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि टेंट लगाने वाले नरेंद्र को समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है। भले ही कोई लिखित एग्रीमेंट न हो, लेकिन टेंट हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आपसी बातचीत से विवाद को पूरी तरह सुलझा लिया जाएगा।

फिलहाल जारी है कथा, प्रशासन सतर्क

फिलहाल पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में शिव महापुराण कथा शांतिपूर्वक जारी है। प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी तरह की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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