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Yogita Mandavi
Yogita Mandavi: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक अपनी पहचान बनाने वाली योगिता मंडावी ने एक बार फिर प्रदेश को गौरवान्वित किया है। जूडो खेल में शानदार उपलब्धियों के लिए योगिता को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PM National Children's Award) से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया।
बालिका गृह से राष्ट्रीय मंच तक का प्रेरणादायक सफर
योगिता मंडावी का सफर संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बालिका गृह, कोंडागांव में पली-बढ़ी योगिता ने बेहद कम उम्र में जूडो को अपना लक्ष्य बनाया। महज़ 13–14 वर्ष की आयु में उन्होंने राज्य स्तर पर श्रेष्ठ जूडो खिलाड़ी का दर्जा हासिल किया और इसके बाद राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन
योगिता ने अस्मिता खेलो इंडिया महिला जूडो लीग 2025 में सब-जूनियर 44 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, वहीं राज्य स्तरीय स्कूल गेम्स 2024-25 में अंडर-19 वर्ग का खिताब भी अपने नाम किया। एसजीएफआई नेशनल और खेलो इंडिया जैसी प्रतियोगिताओं में उनके प्रदर्शन ने उन्हें देश की उभरती हुई जूडो प्रतिभाओं में शामिल कर दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गर्व
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने योगिता मंडावी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ की बेटियों की क्षमता और आत्मबल को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि योगिता की कहानी उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
नई पीढ़ी के लिए बनी उम्मीद की पहचान
योगिता मंडावी की यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि यह साबित करती है कि प्रतिभा हालात की मोहताज नहीं होती। नक्सल प्रभावित क्षेत्र से निकलकर देश का सर्वोच्च बाल सम्मान हासिल करना आने वाली पीढ़ी के लिए उम्मीद और आत्मविश्वास का संदेश है।
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