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रायपुर। CG News CM: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को नया सीएम बनाया है। पार्टी में महांमथन के बाद साय के नाम पर मुहर लग गई है।
बीजेपी को छत्तीसगढ़ में कुल 54 सीटों पर जीत मिली है। BJP ने चुनाव से पहले किसी भी CM चेहरे को पेश नहीं किया था। पार्टी ने विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था।
कौन हैं विष्णुदेव साय?
विष्णदेव साय जन्म जशपुर जिले के बागिया के एक किसान परिवार में 21 फरवरी 1964 को हुआ था। साय साफ-सुथरी, ईमानदार और शांत छवि के लिए पहचाने जाते हैं।। इसी के साथ वे आदिवासी समाज का एक बड़ा चेहरा हैं।
उन्होंने 10 वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है। उनका एक बेटा और दो बेटी हैं।
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साफ-सुथरी और ईमानदार वाली छबी से पहचाने जाते हैं विष्णुदेव साय[/caption]
संघ की पृष्ठभूमि के साथ वे रायगढ़ सीट से लगातार तीन बार सांसद चुने गए। इसी के साथ वे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
पंचायत चुनाव से की राजनीति में एंट्री
विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच और सरपंच रूप में की थी।
उन्होनें पहली बार 1990 में जिले के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत कर अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा पहुंचे।
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पत्नी कौशल्या के साथ विष्णुदेव साय[/caption]
कांग्रेस के सिटिंग विधायक को किया पराजित
कुनकुरी विधानसभा सीट से बीजेपी ने उन्हे चुनावी मैदान में उतारा था। साय ने कांग्रेस के सिटिंग विधायक यूडी मिंज को 25 हजार से अधिक वोटो के अंतर से चुनाव हराया है। वे दो बार प्रदेश अध्यक्ष, तीन बार लोकसभा सांसद और एक बार केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं।
रायगढ़ से तीन बार चुने गए सांसद
उन्होंने एक बार राजनीति में कदम बढ़ाया, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1999 में 2014 तक लगातार तीन बार रायगढ़ लोकसभा सीट सांसद निर्वाचित हुए। 2014 में पीएम मोदी के मंत्रीमंड़ल में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया।
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सीएम नाम की घोषणा होने के बाद विष्णुदेव साय का हुआ स्वागत[/caption]
साय को संगठन में काम करने का भी लंबा अनुभव है। पार्टी ने उन्हें 2006 और 2020 में दो बार प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। इतना ही नहीं साय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में की जाती है।
दादा और पिता भी रह चुके विधायक
विष्णुदेव के साय के परिवार में उनके दादा बुधनाथ साय पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे, इसके बाद जनसंघ के सयम उनके पिता नरहरि प्रसाद लैलूंगा से 1962 में विधायक चुने गए थे और 1972 में दूसरी बार बगीचा सीट से विधायक बने।
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