ग्वालियर।MP News: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। लेकिन लोगों के दिलों में वह हमेशा जिंदा रहेंगे। लोग उनसे इतना प्यार करते हैं कि ग्वालियर की सत्यनारायण टेकरी पर अटल जी का एक छोटा सा मंदिर बनाया गया है।
इस मंदिर में अटल जी की पूजा की जाती है इतना ही नहीं अटल जी की लिखी हुई कविताओं को लोग यहां पर गुनगुनाते हुए नजर आते हैं।
इस मंदिर में एक पुजारी भी नियुक्त
पुजारी जगदीश पेशे से प्राचार्य रह चुके हैं रिटायरमेंट के बाद वह है मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। पुजारी जी अटल जी(MP News) को नजदीक से जानते हैं और उन्होंने अटल जी के लिए कुछ कविताएं भी लिखी हैं।
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जिसमें से एक कविता यह भी है, कि छा गई है धुन्ध इसलिए मौसम बदलने चाहिए, बदलियों के बीच से नया सूरज निकलना चाहिए, पाल रहे अब तलक नाग आस्तीन में, काट खाए उससे पहले फन कुचलना चाहिए।
25 दिसंबर को मनाया जाएगा गौरव दिवस
25 दिसंबर को अटल जी के जन्मदिन को ग्वालियर(MP News) के लोग गौरव दिवस के रूप में मनाएंगे इसके लिए प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है।
विक्टोरिया कॉलेज में पढ़ें हैं वाजपेयी
मध्य प्रदेश के ग्वालियर(MP News) में 25 दिसंबर 1924 को जन्में अटल बिहारी वाजपेयी का एक लंबा समय इस शहर में गुजरा है। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज जिसे अब महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है में अटल की पढ़ाई हुई।
पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के बटेश्वर से मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में बतौर टीचर नौकरी लगने के बाद यहीं शिफ्ट हो गए थे। माता-पिता की सातवीं संतान अटल की तीन बहनें और तीन भाई थे।
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री थे। उनका स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही धीरे-धीरे वह सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए और कई साल से अपने आवास तक सीमित हैं।
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