MP New Chief Justice Sanjeev Sachdeva: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को 29वें मुख्य न्यायाधीश मिल गये हैं। हाईकोर्ट के नवनियुक्त चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा आज हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल मंगुभाई पटेल न्यायमूर्ति सचदेवा को मध्य प्रदेश के 29वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद और गोपनीयिता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित किया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव अनुराग जैन ने किया। इस समारोह में कई गणमान्य लोग शामिल हुए, जो न्यायपालिका के नए युग की शुरुआत के साक्षी बने।
केंद्र सरकार ने सोमवार को जस्टिस संजीव सचदेवा की स्थायी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी की थी। इससे पहले वे 24 मई 2025 से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) July 17, 2025
29वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस सचदेवा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद जस्टिस संजीव सचदेवा (Chief Justice Sanjeev Sachdeva) को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का 29वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वे 24 मई 2025 से कार्यवाहक सीजे के रूप में कार्य कर रहे थे। यह पद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के रिटायरमेंट के बाद खाली हुआ था। इससे पहले वे 9 जुलाई 2024 से 24 सितंबर 2024 तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उन्हें 30 मई 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
कौन हैं नए चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा?
- जन्म और शिक्षा: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा का जन्म 26 दिसंबर 1964 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने 1985 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1988 में दिल्ली विवि के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री पूरी की।
- प्रारंभिक कानूनी करियर: जस्टिस संजीव सचदेवा ने 1 अगस्त 1988 को दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना नामांकन कराया था। इसके बाद उन्हें 1995 में सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड नियुक्त किया गया। उन्होंने आंध्र प्रदेश, दिल्ली हाईकोर्ट और रांची समेत अन्य स्थानों पर वकीलों को प्रशिक्षण दिया।
- अंतरराष्ट्रीय अनुभव: 1992 में ब्रिटिश काउंसिल की छात्रवृत्ति से लंदन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज में “कॉमनवेल्थ यंग लॉयर्स कोर्स” में चुने गए। जब वे भारत के पांच युवा वकीलों में से एक थे, वहां उन्होंने इंग्लैंड में बैरिस्टर और सॉलिसिटर के साथ काम किया।
- न्यायाधीश की नियुक्ति: 17 अप्रैल 2013 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 18 मार्च 2015 को वे स्थायी न्यायाधीश बन गए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के लिए दो दशक से अधिक समय तक स्थायी वकील के रूप से काम किया।
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